यह लाइन्स हर किसी ने सुनी होंगी और सुनने के बाद दिल में केवल यही ख़्याल आया होगा कि काश एक बार वो बचपन फिर से जीने को मिल जाए. बचपन कितना मासूम होता है. वो छोटी-छोटी शरारतों पर खिलखिला के हंसना, गर दिखाई किसी ने आंखें तो दुबक के मां के पल्लू में छिप जाना यही होता है बचपन. लेकिन प्रकृति का नियम है कि हम दोबारा अपने बचपन में नहीं जा सकते. शायद इसीलिए हमारे पेरेंट्स हमारे बचपन की यादों को फ़ोटो के माध्यम से सहेज कर रखते हैं. दोस्तों आप सबको ही पता होगा की पहले के लोगों का बचपन धूप में और मिट्टी में बीतता था, वहीं आजकल के बच्चों का बचपन केवल इलेक्ट्रॉनिक गैज़ेट के बीच गुज़रता है.
“ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लोभले छीन लो मुझसे मेरी जवानी,मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावनवो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी”
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लेकिन आज हम आपको जो फ़ोटोज़ दिखाने जा रहे हैं वो Niki Boon ने ली थी. Niki Boon जब स्कॉटलैंड में फ़िज़ियोथेरेपिस्ट थी, तब उन्होंने शौकिया तौर पे फोटोज़ खींचना शुरू किया. हालांकि वो अपनी इस हॉबी को करियर में तब्दील नहीं कर पाई. लेकिन Niki Boon ने “Childhood in the Raw,” नाम से एक फ़ोटो सीरीज़ बनाई है, जिसमें उन्होंने अपने चार बच्चों के टेक्नोलॉजी-फ्री बचपन को अपने कैमरे में कैद किया है. न्यूज़ीलैंड में अपनी 10 एकड़ की ज़मीन पर उनके बच्चों ने अपना बचपन मिट्टी में खेलते हुए बिताया है. इस सीरीज़ के ज़रिये Niki ये मैसेज dena चाहती हैं कि आजकल जहां बच्चे पैदा होते ही लैपटॉप और इलेकट्रोनिक गैज़ेट से खेलने लगते हैं वहीं मैंने अपने बच्चों को टेक्नोलॉजी-फ्री माहौल में पाला है, जो कि उनके विकास के लिए अच्छा रहा है. इसके साथ ही वो कहती हैं कि ‘आजकल बचपन केवल इलेकट्रॉनिक उपकरणों के बीच दब कर रह गया है.’ Boon ने अपने हर बच्चे को ये फोटोज़ उसके बर्थ-डे पर उपहार स्वरुप दी हैं.
“मेरे बच्चे अशिक्षित हैं और बिना TV और मॉडर्न डिवाइस के अपनी लाइफ़ जीते हैं.”
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“यह भी एक लाइफ़स्टाइल है, जो कुछ लोगों को परंपरा के विरूद्ध लग सकती है.”
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“लेकिन मैंने अपने परिवार के साथ यहां ज़िन्दगी जीने को चुना है.”
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“मैंने अपने बच्चों का पालन-पोषण प्राकृतिक माहौल में किया है.”
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“उनके बचपन को मैंने इन फोटोज़ में कैद किया है.”
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“एकदम सच…”
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“ये फोटोज़ मेरे बचपन का प्रतिबिम्ब भी है.”
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“आज़ादी के लिए सबसे अच्छी जगह…”
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“एक ऐसा बचपन जो मैंने भी जिया है और जिसे अब अपने बच्चों की ज़िन्दगी में देख रही हूं.”
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“वैसे तो यह बहुत व्यक्तिगत है लेकिन कहीं न कहीं ये दूसरों को भी अपने बचपन में ले जायेगा.”
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“मेरा मानना है कि मेरे बच्चे कीचड़ में खेल कर सही कर रहे हैं.”
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“इनका जीवन नेचर के साथ गुज़र रहा है.”
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“वो यहां पूरी तरह आज़ाद हैं.”
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“एक-दूसरे को सज़ा देते बच्चे”
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