समाज में अच्छी और नकारात्मक, दोनों ही बातें विद्यमान है. दोनों में से किसी को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. सकारात्मकता से ही जीवन को सही दिशा मिलती है, सही बात है. लेकिन अच्छाई और सकारात्मकता कहीं न कहीं छिप रहे हैं. नकारात्मकता समाज पर हावी हो रही है. जहां देखो ग़म और दर्द ही नज़र आता है. इन सबके बीच से एक मद्धम रौशनी इंसानियत की लौ जलाये रखती है.

ये सच है कि लोगों को अब दूसरों का दर्द महसूस नहीं होता और न ही वो दूसरों की तरफ़ मदद का हाथ बढ़ाते हैं. पर एक पहलू ये भी है कि आज भी बहुत लोग परोपकार में विश्वास रखते हैं और दूसरों की बेझिझक सहायता करते हैं.

हमने कहा था कि 132 करोड़ भारतीयों के पास कुछ नहीं है तो वो है दिल, पर इनमें कुछ अपवाद भी हैं.

कुछ ऐसी कहानियां, जिनसे अब भी यक़ीन होता है कि कहीं न कहीं कुछ अच्छा ज़रूर है, जिससे दुनिया का संतुलन अब भी बना हुआ है:

1. एक टीचर ने 4 करोड़ की ज़मीन सरकारी स्कूल के लिए दान दी.

TOI

2. प्रिया ने दूसरों के लिए लिखे 657 एग्ज़ाम.

India Times

3. फ़्लोरिडा स्कूल शूटिंग में इस बच्चे ने अपनी जान की परवाह न करते हुए बचाई दूसरों की जान.

India Times

4. ट्रैफ़िक पुलिस का काम सिर्फ़ ट्रैफ़िक नियंत्रण करना नहीं.

India Online

5. Books on the Delhi Metro, क्योंकि पढ़ने की आदत लगाना भी ज़रूरी है.

Huffington Post

6. गंभीर बीमारी से ग्रसित इस बच्चे की तमन्ना थी कि वो हैदराबाद का पुलिस कमीश्नर बने, पूरी की गई उसकी ख़्वाहिश.

Khurki

7. सिर्फ़ अपना नहीं, सबका ख़्याल रखना चाहिए.

Khurki

8. इंसानियत सिर्फ़ इंसानों तक ही सीमित नहीं है, जानवरों की मदद भी है इंसानियत.

Khurki

9. दूसरों को अपनी बोतल से पानी पिलाती ये बच्ची.

Khurki

10. वड़ा पाव बेचकर, मुंबई के महेश इवले ने सेना के लिए इकट्ठा किए रुपये.

The Social Monk

11. छोटे से राहगुज़र का ख़्याल रखता हुआ एक ट्रैफ़िक पुलिसकर्मी.

India Online

12. तिहाड़ जेल में बच्चों को पढ़ाती हैं तुलिका जैन.

India Vision Foundation

13. एक बीमार व्यक्ति को खाना खिलाती फ़्लाइट Stewardess

Brightside Me

14. मुंबई के Beaches की सफ़ाई का ज़िम्मा उठाने वाले चीनू क्वात्रा.

India Times

15. पटना के गुरमीत सिंह, पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में मरीज़ों को सालों से मुफ़्त में खाना खिला रहे हैं और दवाईयां मुहैया करवा रहे हैं.

The Hindu

16. रिटायर होने के 14 साल बाद भी बच्चों को संस्कृत पढ़ा रहे हैं हयात उल्लाह.

The Hook

17. Paralyzed होने के बावजूद 10 सालों से अपने स्कूल का काम कर रही हैं उमा.

Your Story

18. भिखारियों को शिक्षित और एक अच्छा जीवन दिलाने का बीड़ा उठाया है शरद पटेल ने.

Pinterest

19. चेतना सिंह गाला ने गांव में रहकर बदली गांव की औरतों की ज़िन्दगी.

Twitter

20. चंडीगढ़ के प्रिंस मेहरा पंछियों के इलाज के लिए शुरू की बर्ड ऐंमबुलेंस.

Pinterest

21. ताउम्र मेहनत करके पैसे जोड़े और आख़िरकार सुभाषिनी मिस्त्री ने ग़रीबों के लिए बनवाया Humanity Hospital.

New Indian Express

22. पहाड़ के बीच से 8 किमी रास्ता बनाकर गांव को मेन रोड से जोड़ा जालंधर नायक ने.

Desi Mood

23. सिर्फ़ 2 रुपये में ग़रीबों का इलाज करते हैं चेन्नई के डॉ.थीरूवेंगडम वीरराघवन.

Punjab Kesari

24. एक बच्चे की जान बचाने के लिए साथ आए एक राज्य के कई लोग और Thamim ने ऐंबुलेंस से 6 घंटे में तय किया 500 किलोमीटर का सफ़र. 

The Fearless Indian

समाज में कुछ मसीहें अभी भी हैं, जो ख़ुद से पहले दूसरों को एहमियत देते हैं. ऐसे लोगों की दिलेरी को सलाम!