हम अक्सर मेडिकल मिथ्स, टीवी ऐड्स, ‘एक्सपर्ट्स की सलाह’ पर यक़ीन करते हैं. ऐसे बहुत से मिथ्स हैं जो सदियों से हमारे बीच हैं और हम उन्हें सच मानते हैं. अगर कोई सुबूत या शोध का रिज़ल्ट भी ला दे तो भी हम मानने को तैयार नहीं होते. 

आज जानिए 25 मिथक के बारे में जो सिर्फ़ हमारे मन का भ्रम है- 

1. 

डिम लाइट में काम करने से आंखों को ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है और दर्द होता है पर इसके अभी तक कोई सुबूत नहीं मिले हैं कि इसकी वजह से आंखों को पर्मानेंट डैमेज हो सकता है. 

2. 

स्टडीज़ में पाया गया है कि मौसम अगर ठंडा हो तो हम में सर्दी-ज़ुख़ाम के लक्षण दिख सकते हैं पर गिरता तापमना हमारी बीमारियों का कारण नहीं है.  

3. 

एक रिपोर्ट के मुताबिक़, 8 ग्लास पानी रोज़ाना वाला मिथक 1945 में शुरू हुआ. अडल्ट्स को रोज़ाना 2.5 लीटर पानी लेना चाहिए और ये पानी खाने से भी आ सकता है. तो ये कहा जाना ठीक होगा, रोज़ाना 8 ग्लास पानी पीजिए या खाइए. 

4. 

एक वक़्त था जब डॉक्टर्स इस बात पर विश्वास करते थे पर अब पता लगा लिया गया है कि अल्सर Helicobacter pylori बैक्टीरिया से होता है. 

5. 

1907 के दशक से ही मोटवेशनल स्पीकर और सेल्फ़-हेल्प गुरू ये वाला फ़ैक्ट बेच रहे हैं. Dr. Aaron Carrol और Vreeman इस फ़ैक्ट को ग़लत बताते हैं.  

6.

स्कूल में भी यही पढ़ाया जाता है. वैसे तो पीरियड्स में प्रेगनेंसी की संभावनाएं न्यूनतम हैं पर ऐसा हो सकता है. किसी महिला के शरीर में 1 सप्ताह तक स्पर्म रह सकते हैं और Menstrual Cycle ख़त्म होने के बाद Ovulation शुरू हो जाता है तो इसलिए Fertilisation हो सकता है. 

7. 

च्युइंग गम के कुछ इंग्रीडिऐंट्स, Elastomers, Resins और Wax Indigestible होते हैं पर Fibre भी Indigestible चीज़ों में ही आता है. हमारा डायजेस्टिव सिस्टम इतना अडवांस्ड है कि वो च्युइंग गम भी पचा सकता है. 

8.

ये मिथक तो सदियों से हमारे बीच है पर बाल मुंडवाने से अच्छे बालों की गारंटी नहीं होती. 

9. 

खाने के बाद स्विमिंग की जा सकती है. खाने के बाद एक्सरसाइज़ से आप ही असहज होंगे तो थोड़ा रुककर कर सकते हैं.  

10. 

स्टडीज़ में पाया गया है कि विटामिन सप्लीमेंट्स न सिर्फ़ बेअसर होते हैं बल्कि शरीर को हानि भी पहुंचा सकते हैं. 2016 की एक स्टडी में पाया गया है कि लगातार कैल्शियम सप्लिमेंट लेने वाली महिलाओं को Dementia का ज़्यादा ख़तरा है.  

11. 

सब्ज़ियां और चिकन वाले सूप से आपको राहत मिलती है पर ये मर्ज़ का इलाज नहीं है. ये कहना ग़लत नहीं होगा कि हम ये सोचते हैं ‘सूप पी लिया अब ठीक हो जाएंगे’ और ये भी बेहद ज़रूरी है. तो सूप पीना बंद मत करिए.  

12. 

  Probiotic से आप बीमार नहीं पड़ोगे पर ये ज़ुख़ाम का इलाज भी नहीं हैं.  

13. 

असल में प्रेगनेंसी 9.5 महीनों की होती है.  

14. 

बीच रात भूख लगी तो मोटापे के डर से लोग अक्सर कुछ नहीं खाते या पीते. असल में Unhealthy Eating Habits से मोटापा बढ़ता है रात में खाने से नहीं. 

15. 

बहुत से लोग ये कहते हैं कि गीले बालों में ठंड में बाहर निकलने से बीमार होने के चांस बढ़ जाते हैं. असल में हम बीमार बैक्टिरिया और वायरस की वजह से होते हैं मौसम या गीले बालों की वजह से नहीं. 

16. 

ये Myth तो सभी ने सुना ही होगा. दांत निकल रहे हैं इसलिए बच्चे को बुखार आ रहा है ये ज़रूरी नहीं है.  

17. 

Acne के कई कारण होते हैं और चॉकलेट, फ़्राइड फ़ूड उनमें से एक नहीं हैं. Acne स्ट्रेस, होरमोन या जेनेटिक कारणों से हो सकता है.  

18. 

जिसको ऊंगली चटकाने की आदत होती है उसके जॉइंट्स कमज़ोर हो सकते हैं पर इस वजह से गठिया नहीं होता.  

19. 

पीठ का दर्द सिर्फ़ बेड रेस्ट से ठीक नहीं होता, बेड रेस्ट के साथ थोड़ी-बहुत एक्टिविटीज़ के साथ पीठ दर्द ठीक हो सकता है.  

20. 

 इंजेक्शन में मरे हुए वायरस होते हैं और वो शरीर में जाते ही एक्टिव नहीं होते!  

21. 

कई लोग ये मानते हैं कि ज़र्दी में Bad Cholesterol होता है और इससे हृदय रोग या Atherosclerosis हो सकता है. अलर्जी न हो तो कोई भी ये खा सकता है. 

22. 

ख़ुद को भूखा रखने वाला डायट प्लान से वज़न नहीं घटता उल्टा इससे वज़न बढ़ सकता है.  

23. 

स्टेप-ट्रैकिंग डिवाइस धारी 10 हज़ार स्टेप्स का ही टारगेट बनाते हैं. 8 ग्लास प्रति दिन की तरह ही है 10 हज़ार स्टेप्स.  

24. 

रेगुलर वर्क-आउट करने से बॉडी को फ़ायदा होता है पर 1 घंटा वर्क-आउट करना ही है कोई ब्रह्म वाक्य नहीं है. 30 मिनट की वॉकिंग से भी फ़ायदा हो सकता है. 

25. 

वज़न बढ़ाने या घटाने का मूल मंत्र है ‘डायट’. हम क्या खाते हैं ये वर्क आउट से ज़्यादा मायने रखता है.  

पेशकश कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में बताइए. 

Designed by- Nupur