हमारे पुराणों और ग्रंथों में कई ऐसी कहानियां हैं, जो सुनने में काल्पनिक लगती हैं, लेकिन वक़्त-वक़्त पर इसके प्रमाण हमें न सिर्फ़ अपने देश में, बल्कि दुनियाभर में मिलते रहे हैं. ऐसी ही एक कहानी है नरसिंहा की, जब अपने भक्त प्रहलाद को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने नरसिंह का अवतार लिया और हिरणकश्यप का वध किया था.

हाल ही में खुदाई के दौरान करीब 3200 साल पुरानी एक नरसिंह की प्रतिमा मिली है. जर्मनी में पुरात्वविभाग द्वारा की जा रही खुदाई में ये प्रतिमा निकाली गई है. कहा जा रहा है कि ये गुफ़ा डायनासॉर के वक़्त की है. वैज्ञानिकों को आश्चर्य इस बात का है कि खुदाई के दौरान उन्हें कई जानवरों के अवशेष मिले हैं, लेकिन उस दौर में इंसान के होने का कोई प्रमाण नहीं मिला है. ऐसे में नरसिंह की ये मूर्ती मिलना हैरान करने वाली बात है.

इस गुफ़ा की खोज 1939 में हुई थी, जिसके बाद से ही इसकी खुदाई जारी है. पुरातत्व विभाग इसकी खुदाई में बिलकुल भी जल्दबाज़ी नहीं करना चाहता क्योंकि अभी तब इस गुफ़ा ने इतिहास के कई सवालों पर से पर्दा उठाया है.

सबसे ख़ास बात ये है कि नरसिंहा की ये मूर्ती ठीक उस जगह मिली है, जहां गुफ़ा में दिन और रात मिलते हैं. यानि, जिस जगह गुफ़ा में रौशनी की आखरी किरण पड़ती है. ये वाकया ठीक वैसे ही है जैसे हमारे पुराणों में हिरणकश्यप को मारने के लिए भगवान नरसिंह ने वक़्त चुना था.

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