साल 1984, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुए ‘गैस त्रासदी’ की दर्दनाक यादें आज भी लोगों के ज़ेहन में ताज़ा हैं. 2-3 दिसंबर, 1984 को हुए इस हादसे को आज भी दुनिया का सबसे बड़ा औद्योगिक हादसा कहा जाता है. Union Carbide Corp की फ़ैक्टरी में हुए इस हादसे में 42 टन Methyl Isocyanate गैस लीक हो गई थी. इसकी चपेट में आने से हज़ारों लोग मारे गए थे.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस हादसे में 5,300 लोगों की मौत हुई थी, जबकि लोगों का मानना है कि भोपाल गैस कांड में 20-25 हज़ार लोग मारे गए थे. आज इस त्रासदी को 35 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन पीड़ितों का दर्द कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है. पीड़ितों की तीसरी पीढ़ी भी किसी न किसी अक्षमता के साथ पैदा हो रही है.
इन 20 तस्वीरों के ज़रिए आप भी देखिये ये कितना दर्दनाक हादसा था-
1-
2-
3-
4-
5-
6-
7-
8-
9-
10-
11-
12-
13-
14-
15-
16-
17-
18-
19-
20-
IANS की रिपोर्ट के न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक़, गैस पीड़ितों को न आर्थिक मदद मिली, न ठीक से स्वास्थ्य सेवाएं. हाल इतना बुरा है कि इन्हें पीने के लिए साफ़ और शुद्ध पानी तक नसीब नहीं है. तीन दशकों में राज्य और केंद्र में सरकारें बदलती रहीं, लेकिन नहीं बदली पीड़ितों की किस्मत. इन्हें उतनी मदद नहीं मिली, जितने की सख्त ज़रूरत थी.