Saturday और Sunday की छुट्टी के बाद Monday को ऑफ़िस आने के लिए ख़ुद को ज़बरदस्ती तैयार करना होता है. घर से निकलते ही ऐसा लगता है मानो सारी दुनिया में ही उदासी और मनहूसियत-सी छा गई हो. हर हफ़्ते Monday कुछ ऐसा ही मनहूस और उदास लगता है, पर एक रिसर्च का कहना है कि साल के सभी सोमवार की तुलना में साल की शुरुआत का तीसरा सोमवार ज़्यादा उदास होता है.

ऐसा इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि साल के दो बड़े जश्न ‘नए साल का स्वागत’ और ‘क्रिसमस’ जा चुके होते हैं. इसके अलावा आप अपनी सैलरी का अधिकतर हिस्सा ख़र्च कर चुके होते हैं और काम पर जाने के लिए दोबारा तैयारी कर रहे होते हैं. ब्रिटेन में इस सोमवार को ‘Blue Monday’ भी कहा जाता है. इसके पीछे के वजह ये भी है कि इस दौरान उत्तरी गोलार्द्ध के ज़्यादातर हिस्सों में ठंड अपने शबाब पर होती है, जिसकी वजह से ये अंधेरे में डूबा रहता है.

साल के तीसरे सोमवार को Blue Monday साबित करने के लिए रिसर्चर्स एक Complex Calculation का भी इस्तेमाल करते हैं, जो बताता है कि ये सोमवार क्यों परेशान करता है? हालांकि कई लोग ऐसे भी हैं, जो इसे बस एक कोरी बकवास मानते हैं.

Blue Monday/ Monday Blues का कॉन्सेप्ट 2005 में आया था, जिसके मुताबिक क्रिसमस सेलिब्रेशन के नशे में आप इतने पैसे उड़ा चुके होते हैं कि आपकी आर्थिक हालत थोड़ी डांवा-डोल सी हो जाती है और लम्बी छुट्टियों के बाद वापस काम पर आना वैसे भी दुखदायी-सा लगता है.

साइकोलोजिस्ट Blue Monday को मार्केटिंग से जोड़ कर देखते हैं. उनका मानना है कि जनवरी के महीने में बिज़नेस अपने चरम पर होता है. ब्रिटेन में छुट्टियों की वजह से होटल्स में बुकिंग की मारा-मारी रहती है. ट्रैवल एजेंट्स भी लोगों से जम कर पैसा ऐंठते हैं, जिसके बाद महीने का मध्य आते-आते लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है.

ख़ैर ये एक ब्रिटिश स्टडी है, जिससे हमें कोई ख़ास फ़र्क नहीं पड़ता, क्योंकि हम हिंदुस्तानी किन्हीं भी हालातों में ख़ुश रहने का ज़रिया ढूंढ ही लेते हैं, पर फिर भी हमें ये तो पता होना चाहिए कि आखिर साल का तीसरा Monday सबसे मनहूस क्यों माना जाता है.

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