रोज़ की तरह उस दिन भी दफ़्तर के लिए मेट्रो ली. 1:30 घंटे का सफ़र सबसे ख़ूबसूरत साथी के साथ बिताने का अलग मज़ा होता है. एक ऐसा साथी, जिसे आप जी भर कर पढ़ सकते हो और वो Mind नहीं करेगा. अरे वही… किताबें.

इस सच से हम सभी वाकिफ़ हैं कि हमें हर कदम पर Judge किया जाता है, पहनावे से लेकर किताबों तक. कुछ वैसा ही हुआ उस दिन भी.

उस दिन हाथ में मन्टो की कहानियों की किताब थी .

तो हुआ ये कि एक न टिप्पणी कर दी, ये कैसे नाम है, ‘मन्टो’… मन्टो के प्रति ऐसा दुर्व्यवहार बर्दाशत के बाहर है. तो हमने तो उन महाशया को पूर्ण विवरण के साथ समझाया कौन है मन्टो.

उसका अगला प्रश्न था, ‘आजकल हिन्दी कौन पढ़ता है?’ सवाल पेंचीदा था और हक़ीक़त की चादर का एक सिरा ओढ़े हुए भी था.

कौन पढ़ता है से भी बड़ा सवाल है कि कौन लिखता है?

आप अंग्रेज़ी को कितना भी इख़्तियार कर लें, लेकिन इस सच को नकारना नामुमकिन है कि आज भी भारत का एक बहुत बड़ा हिस्सा हिन्दी से ही सरोकार रखता है. सबूत? हिन्दी अख़बार और मैगज़ीन की रीडरशीप. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 400 मिलियन से ज़्यादा लोग इस भाषा को समझते हैं.

प्रेमचंद, रेणु की लेखनी की बात कुछ और थी. कोई दूसरा मन्टो भी अब पैदा नहीं होगा. लेकिन हिन्दी में लिखनेवालों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. इन्हें पढ़ा जा रहा है, तभी तो नित नए लेखक उभर कर आ रहे हैं.

हिन्दी कौन पढ़ता है सोच रखने वालों और ये सोच न भी रखने वालों को आधुनिक हिन्दी की ये रचनायें ज़रूर पढ़नी चाहिए:

1. नालासोपारा पोस्ट बॉक्स नं. 203- चित्रा मुद्गल

Femina

ट्रांसजेंडर्स, समाज का सबसे नकारा हुआ वर्ग. पिछले कुछ समय में सरकार ने इन्हें कुछ अधिकार दिए हैं. समाज के हाशिये पर पड़े इस वर्ग की ये कहानी न सिर्फ़ आपको इनके जीवन के कुछ पहलू समझायेगी, बल्कि हिन्दी में एक अलग प्रकार की रचना भी पढ़ने को मिलेगी.

2. नमक स्वादानुसार- निखिल सचान

Literature India

शॉर्ट स्टोरीज़ की इस किताब में समाज के अलग-अलग वर्गों की कहानियां हैं. अगर आप किताब से काफ़ी देर तक नाता नहीं बना पाते, तो शॉर्ट स्टोरीज़ की ये किताब तो ख़रीद ही लीजिये.

3. आज़ादी मेरा ब्रैंड- अनुराधा बेनीवाल

Raj Kamal Prakashan

सोलो ट्रिप्स… बहुत लोगों को आकर्षित करती हैं. बहुत कम लोग ही ऐसी ट्रिप्स कर पाते हैं. अनुराधा की किताब एक यात्रा वृत्तांत है एक ऐसी लड़की की, जो रोहतक से निकलती है और पूरा यूरोप घूमती है.

4. ठीक तुम्हारे पीछे- मानव कौल

Amazon

ये एक्टर, डायरेक्टर मानव कौल की किताब है. लघु कहानियों की ये किताब आपके अंदर हर तरह के एहसास जगाएगी. अंत तक पहुंचते-पहुंचते आपको किताब ख़त्म हो जाने का मलाल भी हो सकता है.

5. इश्क में शहर होना- रवीश कुमार

Aaj Tak

रवीश… नाम ही काफ़ी है न? लप्रेक(लघु प्रेम कथा) श्रृंखला की इस किताब में रवीश दिल्ली के अलग-अलग रूप के प्रति अपने नज़रिए को पेश करते हैं. पढ़िए, मज़ा आयेगा.

6. बनारस टॉकीज़- सत्य व्यास

Sulekha

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रों को ये किताब कॉलेज के दिनों की याद दिला देगी. सत्य ने अपने कॉलेज के दिनों की कहानी कही है.

आज एक वादा ख़ुद से करें कि चाहे कुछ भी हो, पढ़ने की आदत छूट न जाये. भले ही आपने अपनी ज़िन्दगी की मंज़िल पा ली हो. भले ही आपने डिग्रियों का अंबार लगा लिया हो, पर इस दुनिया में जानने के लिए इतना कुछ है. तो क्यों न ऐसा करें कि जितना वक़्त है, हमारे पास उसमें कुछ किताबों के लिए निकालें. इंसानों का कह नहीं सकते, लेकिन किताबें आपको कभी निराश नहीं करेंगी.

Happy Reading 🙂