देवियों और सज्जनों, तालियां बजती रहनी चाहिए क्योंकि ये 6 रिकॉर्ड्स जो हम आपके लिए चुन कर लाये हैं, ये सिर्फ़ काफ़ी हटके ही नहीं, बल्कि अविश्वसनीय भी हैं. एक नज़र आप भी इन पर डाल कर देखिये, ख़ुद हैरान हो जाएंगे.
1) सभी देशों का दौरा करने वाली सबसे तेज़ महिला
दुनिया कौन नहीं घूमना चाहता लेकिन कुछ लोगों के लिए जहां ये सिर्फ़ एक ख़्वाहिश रह जाती है, वहीं अमेरिका की Taylor Demonbreun ने ये कर के दिखा दिया. अपने ग्रेजुएशन के दो हफ़्ते बाद ही, 1 जून 2017 को Taylor इस सफ़र पर निकल गयीं और 554 दिन (लगभग 18 महीने) के अंदर-अंदर सबसे तेज़ समय में दुनिया के सभी देश घूमने वाली महिला का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. 114 एयरलाइन्स के ज़रिये से ये सफ़र 7 दिसंबर 2018 को कनाडा में पूरा हुआ.

2) गोल्फ़ कार्ट पर सबसे लंबी यात्रा
गोल्फ़ कार्ट में आपने खिलाड़ियों को मैदान में ज़्यादा से ज़्यादा कुछ मीटर्स आगे-पीछे जाते हुए देखा होगा. ज़ाहिर है, न इसमें कोई ख़ास स्पीड होती है और न कोई पॉवरफ़ुल इंजन. सोचिये इस रफ़्तार पर भी तेलंगाना के एम. वी. कृष्णा रेड्डी ने अपनी पत्नी और बेटे के साथ गोल्फ़ कार्ट पर 1,665.138 km का सफ़र तय कर लिया. 14 जनवरी 2017 को हैदराबाद में शुरू हुई ये ट्रिप वापिस घूम कर 22 जनवरी 2017 को हैदराबाद में पूरी हुई.

3) गोल्डन क्वाड्रिलेटरल रूट पर सबसे ज़्यादा माइलेज का रिकॉर्ड

4) सबसे बड़ा Human Flag
यह रिकॉर्ड हर भारतीय को गौरवान्वित करता है. आख़िर सबसे बड़ा मानव राष्ट्रीय ध्वज का रिकॉर्ड भारत के नाम जो है. 7 दिसंबर 2014 को 43,830 लोगों की मदद से चेन्नई के YMCA मैदान में बनाया गया ये विशाल तिरंगा. ये रिकॉर्ड रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3230 और न्यूज़ 7 (तमिल) के सहयोग से हुआ.

5) दुनिया का सबसे बड़ा जूता
6.40m लंबा, 2.39m चौड़ा और 1.65m ऊंचा, ये है चाइना में बना दुनिया का सबसे बड़ा जूता. इसे 12 अप्रैल 2013 को इलेक्ट्रिक सेक्की द्वारा बनाया गया था. ये जूता Superga 2750 का एक रेप्लिका था जिसे Hongkong में Superga के लॉन्च का जश्न मानते हुए देखा गया था.

6) साइकिल द्वारा सहारा रेगिस्तान को सबसे तेज़ पार करना
दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान, सहारा डेज़र्ट को साइकिल से पार करने का रिकॉर्ड ईरान के Reza Pakravan के नाम है. 13 दिन, 5 घंटे, 50 मिनट और 14 सेकेंड चले इस 1,734 km के सफ़र को उन्होंने दो हिस्सों में पूरा किया. 4 मार्च 2011 को एल्जीरिया से शुरू हो कर, 17 मार्च 2011 को Reza सूडान पहुंचे. इस दौरान उन्हें रेतीले तूफ़ान और बारिश का सामना भी करना पड़ा.
