जैसे शराब जितनी पुरानी होती है, उतनी ही असरदार होती जाती है. वैसे ही रेस्टोरेंट जितना पुराना होता है, उस पर भरोसा उतना गहरा हो जाता है. दिल्ली में ऐसे ही कुछ रेस्टोरेंट हैं, जो आज़ादी के पहले से लोगों को अपने स्वाद का ग़ुलाम बनाए हुए हैं. जहां लोगों खींचे चले जाते हैं.

1. United Coffee House, Connaught Place

so.city

ये शाही रेस्टुरेंट 1942 में स्थापित हुआ था और आज भी लोगों के दिल में ख़ास जगह रखता है. पहला अपने आलिशान लुक की वजह से और दूसरा बेहतरीन स्वाद की वजह से. कुछ डिश के ऊपर इनको महारथ हासिल है, जैसे- Chicken A’La Kiev, Cheese Balls. ये कॉरपोरेट के साथ-साथ फ़ैमिली लंच के लिए भी सही जगह है. यहां पर European, Mediterranean, Indian, Oriental और Modern Asian डिश मिलती हैं.

2. सीता राम दिवानचंद, पहाड़गंज

timesofindia

पहाड़गंज की गलियों में मशहूर सीता राम के छोले भटूरे लैंडमार्क हैं. 1945 में स्वर्गीय सीताराम कोहरी ने इसकी नींव रखी थी. 73 साल से उनका परिवार इस काम में लगा हुआ है. शरुआती दिनों में छोले भटूरे 2 पैसे में बिकते थे. आज यहां लस्सी भी मिलती है, जिसका स्वाद घर तक आपके साथ जाता है.

3. करीम, जामा मस्जीद

timesofindia

दिल्ली और करीम का रिश्ता 1913 में बंधा था, आज भी चल रहा है. चांदनी-चौक की भीड़-भाड़ की गलियों में और भीड़ बढ़ाने का काम करता है. नॉन-वेज के लिए मशहूर करीम दिल्ली वालों के लिए गर्व का विषय है. इस रेस्टोरेंट की शुरुआत हाजी करिमुद्दिन ने की थी. अपने शुरुआती दिनों में ये बस दाल और आलू गोश्त बनाया करते थे.

4. कल्लन स्विट्स, चावड़ी बाज़ार

timesofindia

1939 में दूध और पनीर बेचने से दुकान की शुरुआत की गई थी. आज यहां कई प्रकार की मिठाईयां बिकती हैं. बालुशाही, लड्डू, रस मलाई इसकी ख़ासियत है लेकिन इसकी पहचान हबसी हलवे से है. इसे दूध, खोया और घी से बनाया जाता है.

5. छैना राम स्वीट्स, चांदनी चौक

timesofindia

1901 से ये दुकान सफ़लतापूर्वक लोगों के दिलों पर राज कर रही है. हालांकि इसकी शुरुआत लाहौर से हुई थी, बंटवारे के बाद छैना राम दिल्ली आ गए और दोबारा से अपनी दुकान खोल दी. यहां कराची का मशहूर हलवा मिलता है. इसके अलावा दिल्ली के घेवर और पतीशे में भी इनका कोई तोड़ नहीं है.

6. Wenger’s, Connaught Place

timesofindia

जब बात होगी दिल्ली की मशहूर बेकरी शॉप की, तब Wenger’s का ज़िक्र आएगा ही. इसे 1926 एक स्विस दंपति ने खोला था. 1945 में एक भारतीय परिवार ने इसे ख़रीद लिया. वक़्त के साथ इस जगह पर कई बदलाव हुए, लेकिन जो चीज़ नहीं बदली वो है Wenger’s का स्वाद.

इनकी बदौलत दिल्ली सिर्फ़ देश की ही नहीं, स्वाद की राजधानी भी है.

Source: timesofindia