आजकल की भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में इंसान को गम तो हर पल मिलते ही रहते हैं लेकिन ख़ुश होने के मौके कम ही मिलते हैं. ऐसे में चेहरे पर हंसी हो तो ज़िंदगी जीना थोड़ा आसान हो जाता है. इंसान की लाइफ़ में परिस्तिथियां चाहे कैसी भी हों. लेकिन हंसना हर इंसान के लिए उतना ही ज़रूरी है जितना कि सांस लेना. हंसना सेहत के लिए अच्छा होता है ये हमें डॉक्टर्स भी कहते हैं. डॉक्टर्स कहते हैं कि शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए हंसना बेहद ज़रूरी है. हंसने से इंसान को अपने शरीर में हल्कापन महसूस होता है. एक हंसता हुआ चेहरा हज़ारों चेहरों को भी हंसने पर मजबूर कर देता है. मुस्कुराने वाला व्यक्ति ख़ुद तो ख़ुश रहता ही है दूसरों को भी ख़ुश करता है. वो एक कहावत है न कि हंसो जितना हंस सकते हो, हंसने पर टैक्स थोड़ा न लगता है.

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कहते हैं कि नेपोलियन का जो काम उसके एक दर्ज़न नौकर नहीं कर पाते थे. वो काम उसकी पत्नी जोज़ेफ़ाइन अपनी मुस्कुराहट से करा देती थी.

इंसान की ज़िन्दगी में हंसना कितना ज़रूरी है ये आप भी समझिये

1. हंसना एक संक्रमण की तरह है

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अगर आप किसी को अपनी एक प्यारी सी स्माइल पास करेंगे तो ज़ाहिर सी बात है दूसरी तरफ़ से भी आपको वही रिस्पौनंस मिलेगा. जितना ज़्यादा हो सके आप अपनी मुस्कुराहट से उदास चेहरों पर चमक लाने का काम करते रहें. वैसे ये ज़रूरी भी नहीं है कि हंसने के लिए आपको किसी के साथ की ज़रुरत हो, आप चाहें तो अकेले में भी हंस सकते हैं. लेकिन अपने परिवार वालों और दोस्तों के साथ हंसने या बात करने के अधिक मौके मिलें तो बेहतर है. क्योंकि जब आप डिप्रेशन में होते हैं तो फ़ैमिली और दोस्त ही होते हैं जिनके साथ में हम हंस और बोल सकते है.

2. हंसने से स्ट्रेस भी कम होता है

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डॉक्टरों का भी कहना है कि स्ट्रेस को कम करने की सबसे अच्छी दवाई हंसी ही है. क्योंकि जब आप हंसते हैं तो मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे रक्त प्रवाह और ऑक्सीजनकरण की गति बढ़ जाती है. जो दिल और फ़ेफ़डों को उत्तेजित करता है. जिसके कारण एंडोर्फिन रिलीज़ होता है जो हमें शारीरिक और भावनात्मक रूप से अधिक आराम पहुंचाने का काम करता है.

3. हंसने से इंसान की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है

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Indiana State School of Nursing में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक हंसी हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता देता है. हंसी इंसान के ख़ून के बहाव को 22% तक बढ़ा देती है. जबकि तनाव आपके ख़ून के बहाव को 35% तक कम कर देता है.

4. हंसने से इंसान सकरात्मक सोचने लगता है

हंसी ज़िन्दगी में विफ़लताओं और कठिन समय के ख़िलाफ़ खड़े रहने की क्षमता देता है. इंसान जितना अच्छा सोचेगा, ख़ुश रहेगा ज़िन्दगी में उतनी ही तरक़्क़ी करेगा. गुस्से को कम करने के लिए भी हमें हंसी का ही सहारा लेना होगा. अगर हमारे अंदर ख़ुशी-ख़ुशी अपनी ग़लतियों को स्वीकार करने की ताक़त आ जाये तो समझ जाओ कि हम सकारातमकता की ओर बढ़ रहे हैं.

5. डिप्रेशन से लड़ना है तो हंसना होगा

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एक अध्ययन में पता चला है कि हंसने के कारण डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति भी सही हो जाता है. हर समय दुःखी रहने से हम मानसिक रोगी भी बन सकते हैं. डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति की सोचने की क्षमता कम होने लगती है. उसे हर जगह ग़लत ही दिखाई देता है. जिसके कारण वो हर जगह लोगों के बीच हंसी का पात्र भी बन जाता है. लेकिन कभी ज़ोर-ज़ोर से हंसने के कारण Hormones, Neuropeptides, और Dopamine के जकड़न से हमें छुटकारा मिलता है. जिससे हमारी मनोदशा सुधरने लगती है.

6. हंसना हमें दर्द से लड़ने की क्षमता देता है.

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हंसने से इंसान के हर दर्द कम हो जाते हैं. हंसने से इंसान के दिमाग़ी दर्द कम होते हैं जिसे हम डिप्रेशन भी कहते हैं. शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक रूप से हंसी के कारण इंसान की आंखों में हमेशा चमक बनी रहती है. मुस्कराने से स्वास्थ्य में संतुलन बना रहता है. साथ ही आत्मविश्वास में वृद्धि और समस्याओं पर काबू पाने में मदद मिलती है. हंसी हीन भावनाओं को दूर कर हमें ज़िन्दगी के एक सकरात्मक मोड़ पर ले जाती है.

इसीलिए कहते हैं चाहे सिचुएशन जो भी हो हंसना तो बनता है बॉस!

Source: chopra