जवाहरलाल नेहरू की ‘Tryst With Destiny’ वाला भाषण किसी भी भारतीय के रौंगटे खड़े कर देगा.  


‘जब पूरी दुनिया सो चुकी होगी, भारत जागेगा’ 

हमें आज़ादी हफ़्ते भर में नहीं मिली थी. सैंकड़ों सालों तक गु़लामी, ज़िल्लत सेहने, हज़ारों क़ुर्बानियां देने के बाद ये आज़ादी हमें मिली थी.


भारत की आज़ादी की लड़ाई और विभाजन के दर्द को क़रीब से समझना है तो आप पढ़ सकते हो ये किताबें- 

1. Freedom at Midnight by Dominique Lapierre and Larry Collins 

Bookish Santa

भारत पर लिखी गई बेहतरीन किताबों में से एक. 1975 में आई ये किताब 1946 से 1948 की घटनाओं पर प्रकाश डालती हैं. Collins और Lapierre भारतीय रियासतों के बंटवारे, गांधी की हत्या, नेहरू-जिन्ना की राजनीति पर विशेष ध्यान देती है. इस किताब में कई ऐसे फै़क्ट्स हैं जिससे कई भारतीय अनजान होंगे. इस किताब में भारत के आख़िरी वासरॉय लॉर्ड माउंटबैटन के भी इंटरव्यू हैं. 

2. India Wins Freedom- Maulana Abul Kalam Azad 

Abe Books

इस किताब के द्वारा मौलाना आज़ाद इंडियन नेशनल कांग्रेस (आईएनसी) और आज़ादी की लड़ाई लेने वाले अन्य लोगों की ग़लतियों और उपलब्धियों पर बात करते हैं. ये मौलाना साहब की आत्मकथा से एक शख़्स का सपना है, आज़ादी और राजनैतिक सद्भावना का.

3. India’s struggle for Independence- Bipin Chandra 

Carousell

ये किताब कई भाषाओं में उपलब्ध है. आज़ादी के संग्राम के लगभग हर पहलु पर इस किताब में कुछ न कुछ कहा गया है. लोगों से सुनी कहानियों, गहरे शोध, देश में हुए छोटे-बड़े विरोधों का लेखा-जोखा है ये किताब. 5 इतिहासकारों की कड़ी मेहनत का नतीजा है ये किताब.

4. From Plassey to Partition: A History of Modern India- Sekhar Bandyopadhyay 

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इतिहास के छात्र और किताबी कीड़ों दोनों के लिए ही उपयोगी है ये किताब. ये भारत के इतिहास के 200 साल को कवर करती है जिसमें स्वतंत्रता संग्राम भी है. शेखर के शब्द पाठक को बांधे रखते हैं. 

5. हिन्द स्वराज- महात्मा गांधी 

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ये किताब गुजराती में लिखी गई थी. इस किताब में स्वराज और आधुनिक सभ्यता के बारे में बात की गई है. किताब की शैली काफ़ी सरल है. संपादक और पाठक के बीच हुई बात-चीत है इस किताब की शैली. इस किताब के द्वारा ‘स्वराज’ के विचार को लोगों के सामने रखा गया.


गुजराती किताब को अंग्रेज़ों ने बैन कर दिया था पर उन्होंने अंग्रेज़ी एडिशन को बैन नहीं किया.  

6. 1947:A Memoir of Indian Independence- M. Zahir 

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ये कोई काल्पनिक नहीं सच्ची कहानी है. विभाजन के बाद जो ख़ून-ख़राबा मचा था उसी का लेखा-जोखा है ये किताब. इस महासंग्राम में जो बच गए उनकी स्मृति में आज भी वो घाव ताज़ा होंगे. लेखक उस वक़्त मात्र 10 साल के थे पर उनकी स्मृति में वो यादें हमेशा के लिए क़ैद हैं. 

7. कितने पाकिस्तान- कमलेश्वर 

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दो भागों में बंटी ये किताब किसी पत्थर दिल के भी आंखों में आंसू ले आएगी. ये किताब सच्ची घटनाओं पर आधारित है. कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा लाखों लोगों के भविष्य का फ़ैसला लिए जाने पर भी ये किताब कटाक्ष करती है. 2003 में इस किताब के लिए कमलेश्वर को साहित्य अकेडमी अवॉर्ड मिला था. न सिर्फ़ हिन्दी साहित्य का बल्कि विभाजन की बेहतरीन किताबों में से एक है कमलेश्वर की कितने पाकिस्तान.

इस सूची में कई किताबें नहीं हैं. आप कमेंट बॉक्स में और किताबें जोड़ सकते हैं. साथ ही कमेंट बॉक्स में ये भी बताइए, इनमें से कौन-कौन सी आपने पढ़ी हैं.