भारतीय शादी… यानि ये
और ये
और ये भी
शॉर्ट में बतलाए तों, बिना बैंड-बाजा, बारात, ऊंचे-ऊंचे शामियानों, महंगे कपड़ों-ज़ेवर के बिना भारतीय शादी नहीं हो सकती. शादियां यानि कि ख़र्च. बग़ैर ख़र्च के सिर्फ़ रेजिस्टर की गई कम ही शादियां होती हैं.
भारत में किसी-किसी प्रांत में दहेज सिर्फ़ दिखावे के लिए लिया जाता है. ये बनाकर नहीं बोल रहें, लोगों ने ख़ुद कहा है कि,’लड़की के यहां से क्या आया है, ये दिखाना तो पड़ता ही है, इसलिए कुछ तो लेना ही पड़ता है.’
पर कुछ ऐसी लोग हैं, जो अपनी शादी सिंपल और सादी रखने के साथ ही कुछ अलग कर जाते हैं.
आज जानिए कुछ ऐसे ही नेक़ दिल लोगों के बारे में, जिन्होंने अपनी शादी से समाज को दिया एक अलग संदेश-
1. किताबें
पेशे से इंजीनियर, छत्तीसगढ़ के प्रशांत ने अपनी शादी में अनोखी डिमांड की. विवाह में आने वाले मेहमानों से उन्होंने आग्रह किया कि शादी के तोहफ़े के तौर पर नई/पुरानी किताबें और कॉपियां लेकर आएं. शादी के कार्ड पर भी ये आग्रह छपवाया गया.
2. 1001 पेड़
ओड़िसा के 33 वर्षीय सरोजकांत बिसवाल ने अपने ससुरालवालों को दहेज मांगकर चौंका दिया. दहेज/विवाह के तोहफ़े के रूप में सरोजकांत ने 1000 फलदाई पेड़ मांगे. पेशे से विज्ञान के शिक्षक, सरोजकांत ने लगभग 700 पौधे गांववालों के बीच बांट दिए. इस शादी में न ही पटाखे जलाए गए और न ही बारात में DJ बुलाया गया.
3. मेहर के तौर पर मांगी किताबें
मलयाली शादी में सोना अनिवार्य होता है. मगर एक दुल्हन ने अपनी शादी में सोने के गहनों के बजाए 50 किताबें मांगी. अपने मंगेतर को Sahla Nechiyil ने 50 किताबों की सूची दी और मुस्लिम समाज में एक उदाहरण स्थापित किया.
4. विवाह के तोहफ़े में मांगी किताबें और बनाई लाब्रेरी
महाराष्ट्र के सामाजिक कार्यकर्ता अमर की ख़्वाहिश थी कि वो एक लाइब्रेरी बनाएं. अमर ने अपनी शादी में तोहफ़े के तौर पर Competitive Exams की किताबें मांगी. Art of Living से जुड़े अमर ‘युवा चेतना’ नामक संस्था भी चलाते हैं. अमर और उनकी पत्नी रानी अहमदनगर में एक लाइब्रेरी खोलने की प्लैनिंग कर रहे हैं.
5. 258 दूल्हे साइकिल पर पहुंचे शादी करने
घोड़े, कार और जीप को छोड़कर सूरत में 258 दूल्हे साइकिल पर बैठकर शादी करने पहुंचे. ‘सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज’ द्वारा आयोजित किए गए सामूहिक विवाह में ये अनोखी बारात दिखी.
6. ट्रांसजेंडर को बनाया शादी का हिस्सा
केरल के श्रुथी कृष्णा और रामनाथ ने बड़ी सादी सी शादी की. तस्वीरें देखकर एक नज़र में इस शादी की ख़ास बात को पता करना ज़रा मुश्किल हो सकता है. केरल की शादी में सोना एक ज़रूरी वस्तु है लेकिन श्रुथी ने अपनी शादी में एक भी सोने का ज़ेवर नहीं पहना. श्रुथी ने अनाज से बने गहने पहने और अपनी शादी में एक ट्रांसजेंडर को बुलाया.
7. किसानों के परिवारों को दान किए शादी के पैसे 10 किसानों में
नागपुर के अभय और प्रीति ने 20-20 हज़ार रुपए 10 ऐसे किसान परिवार को दान किए, जिनके यहां किसी ने कर्ज़ के कारण आत्महत्या कर ली थी. इसके अलावा इस जोड़े ने 52 हज़ार रुपए की किताबें अमरावती के 5 पुस्तकालयों को भी दान में दी. अपनी शादी के लिए बचाए पैसों को कुछ यूं ख़र्च किया इस जोड़े ने.
कुछ अलग करना चाहते हैं, तो इन जोड़ों से सीख सकते हैं.