भारत के आर्थिक और सामाजिक सुधार में हर समुदाय ने अहम भूमिका निभाई है. सबने अपना-अपना योगदान देकर देश को विकासशील बनाया है. इन संप्रदायों में पारसी संप्रदाय का नाम सबसे आगे है.
पारसियों का भारतीय इतिहास
8वीं शताब्दी में अरब आक्रमणों से बचने के लिए, Persia(ईरान) से भारत आये. Zoroastrian धर्म को मानते हैं पारसी. भारत में इनकी संख्या तेज़ी से घटती जा रही है. जनसंख्या कम होने के बावजूद पारसियों ने हर क्षेत्र में झंडे गाड़े हैं.
आज जानते हैं कुछ ऐसे पारसियों के बारे में, जिन्होंने अपने दम पर कमाई इज़्ज़त और शौहरत-
1) जमशेदजी टाटा
जमशेदजी टाटा को आधुनिक भारतीय उद्योग का Grandfather कहा जाता है. उन्होंने कई देशों (इंग्लैंड, अमेरिका, यूरोप, चीन और जापान) से भारत के व्यापार संबंध बनाये. जमशेदजी के जीवन के चार लक्ष्य थे- आयरन और स्टील कंपनी शुरू करना, एक World-Class शिक्षा केन्द्र खोलना, एक ग्रैंड होटल खोलना और एक Hydro-Electric Plant खोलना. इन चार लक्ष्यों में से अपने जीवनकाल में वो सिर्फ़ कोलाबा में Taj Mahal Hotel खोल पाये. उस वक़्त ताज अकेला ऐसा होटल था, जिसमें बिजली थी.
विश्व प्रसिद्ध टाटा स्टील प्लांट की स्थापना भी इन्होंने ही की थी.
2) होमी जहांगीर भाभा
मुंबई के एक पारसी परिवार से थे होमी जहांगीर भाभा. उनके पिता, जहांगीर होरमुस्जी भाभा एक जाने-माने वक़ील थे. भारत के परमाणु प्रोग्राम को शुरू करने में उनका अहम योगदान था. उन्हें Father of Indian Nuclear Program कहा जाता है. जे आर डी टाटा की मदद से उन्होंने मुंबई के Tata Institute of Fundamental Research को स्थापित किया.
3) Sam Manekshaw
1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान Manekshaw, Indian Army के Chief of The Army Staff थे. अपने करियर के दौरान वे 4 बड़े युद्धों का हिस्सा रहे. इंडियन मिलिट्री एकेडमी के पहले बैच के कैडेट्स में से एक थे Manekshaw.
Field Marshal के पद तक पहुंचने वाले ये पहले Military Officer थे. Chief of The Army Staff के कार्यकाल में उन्होंने Army में आरक्षण आने नहीं दिया.
4) बोमन ईरानी
अपने सपने पूरे करने की कोई उम्र नहीं होती. बोमन ईरानी इस बात का सुबूत हैं. 41 साल की उम्र में उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया. वे न सिर्फ़ बेजोड़ एक्टर हैं, बल्कि एक अच्छे फ़ोटोग्राफ़र, बेहतरीन गायक और Voice Artist भी हैं. अपने विभिन्न किरदारों से उन्होंने अपनी Versatility साबित की है. जहां एक तरफ़ उन्होंने ‘Jolly LLB’, ‘Lage Raho Munnabhai’ जैसी फ़िल्में की, वहीं दूसरी तरफ़ ‘मैंने गांधी को नहीं मारा’, ‘फ़रारी की सवारी’ जैसी फ़िल्में भी की हैं.
5) Fali S Nariman
मशहूर वक़ील हैं नरीमन. उन्हें 1991 में पद्म भूषण और 2007 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. कई हाई-प्रोफ़ाइल केस लड़ चुके हैं नरीमन. मई 1972 से जून 1975 तक उन्होंने भारत के Additional Solicitor General का पद संभावा. इमरजेंसी ख़त्म होने के बाद उन्होंने इस पद से त्याग पत्र दे दिया.
6) फ़िरोज़शाह मेहता
इंडियन नेशनल कॉनग्रेस के फ़ाउंडर्स में से एक है, फ़िरोज़शाह. उन्हें 1890 में पार्टी का प्रेसिडेंट बनाया गया था. भारतीयों को विदेशी शिक्षा ग्रहण करने और भारतीय संस्कृति को विकसित करने पर ज़ोर देते थे फ़िरोज़शाह.
7) श्यामक डावर
Contemporary Jazz और Western Dance Forms को भारत में लाने का फ़ुल क्रेडिट जाता है कोर्योग्राफ़र श्यामक दावर को.
उन्होंने ‘दिल तो पागल है’ फ़िल्म से अपने करियर की शुरुआत की. इस फ़िल्म में कोरयोग्राफ़ी के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड से नवाज़ा गया. श्यामक ने ‘ताल’, ‘बंटी और बबली’, ‘धूम 2’, ‘रब ने बना दी जोड़ी’ जैसी फ़िल्मों में कोरयोग्राफ़ी की.
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