आज की दुनिया में नमूनियत की कमी नहीं है. अब इन जनाब को ही देख लीजिए

Cutting Edge

और इन मोहतरमा को

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इन्हें तो भूलना सरासरा ग़लत होगा.

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हम अक़सर सोचते हैं कि पहले का दौर अच्छा था, लोग सीधे-साधे थे, ज़िन्दगी सहज होती थी.

पूर्वजों के बारे में ये ख़ुशफ़हमी दूर हो जाएगी, जब जान लेंगे उनकी ये 8 अजीब आदतें-

1. पॉटी के बाद पानी का इस्तेमाल न करना

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प्राचीन ग्रीस में लोग पॉटी करने के बाद पेपर/पानी या कपड़े का प्रयोग नहीं करते थे. पॉटी के बाद पत्थर, कंकड़ या Pottery का इस्तेमाल करते थे. प्राइवेट पार्ट को साफ़ करने के लिए भी इन्हीं चीज़ों का इस्तेमाल किया जाता था.

2. जूं को कहा जाता था ‘ईश्वर के मोती’

Buzz Booklet

सिर पर रहने वाले, हमारा ही ख़ून चूसने वाली जुंओं को मध्यकालीन समय में ‘ईश्वर का मोती’ कहा जाता था.

कुछ लोग तो नहाते भी नहीं थे क्योंकि ये मान्यता थी कि पानी से बीमारियां फैलती हैं.

3. ज़्यादा सोना था निषेध

Elite Readers

अगर आपको दुनिया से ज़्यादा अपनी नींद से प्यार है, तो आपको शुक्रगुज़ार होना चाहिए कि आप मध्यकालीन समय में यूरोप में पैदा नहीं हुए. इस दौर में ज़्यादा सोना मना था. लोग घंटे के हिसाब से सोते थे. सूर्यास्त के बाद 2 घंटे की नींद और फिर 2-3 घंटे जागना, कुछ ऐसी थी जीवनशैली.

4. मृत प्रियजनों के साथ ली जाती थी तस्वीरें

Viet Times

हज़ारों अजीब-ओ-ग़रीब रिवाज़ों में से एक थी मृत प्रियजनों के साथ तस्वीरें लेने की प्रथा. मृतक की याद को सहजने के लिए जीवित लोग मृत शरीरों के साथ तस्वीरें खिंचवाते थे. इन तस्वीरें में मेकअप के ज़रिए मृतक को जीवित दिखाया जाता था.

5. हवाई जहाज़ में धूम्रपान निषेध नहीं था

Zoover

लगभग 50-60 साल पहले तक विश्व की कई एयरलाइन्स पर ऑन-बॉर्ड धूम्रपान करना निषेध नहीं था. एक रिपोर्ट के अनुसार, आज भी कई देशों में(जैसे ईरान) ऑन-बॉर्ड स्मोकिंग निषेध नहीं है.

6. बिना सिर वाली तस्वीरें

Clip Mass

फ़ोटोग्राफ़ी के आविष्कार के बाद कई अजीब ट्रेंड्स बन गए. इन्हीं में से एक थी बिना सिर वाली तस्वीरें. फ़ोटोग्राफ़र Oscar Rejlander ऐसी तस्वीरें बनाते थें जिनमें जीवित व्यक्ति अपनी ही कटा हुआ सिर लेकर खड़ा दिखाई देता था. ये काफ़ी डरावना था.

7. आंसू से भरी बोतल

Ifuun

आंसू भर कर रखने वाली ये प्रथा कब शुरू हुई इसकी जानकारी नहीं है. मगर बाइबल में इसका ज़िक्र मिलता है. रोमन भी ऐसा करते थे. लोग अपने आंसुओं को शीशी में भरकर मृतक की कब्र के साथ रख देते थे. कई बार तो औरतों को आंसू भरकर रखने के पैसे भी दिए जाते थे.

8. ज़ख़्म से ख़ून को बहने दिया जाता था

The Buddy

20वीं शताब्दी तक ये मान्यता थी कि शरीर से ख़ून का बह जाना अच्छा है. बहते ख़ून के साथ बीमारियों वाले किटाणु भी बह जाते हैं और व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है. हालांकि इससे कई लोगों की मृत्यु भी हो जाती थी.

काफ़ी अजीब, डरावने और घिनौने थे ये लोग तो!