ये फ़ोटो उस छोटी सी बच्ची की है, जिसकी सबसे बड़ी इच्छा है कि वो अपने उन पेरेंट्स को खोज पाए, जिनसे वो अभी तक कभी भी नहीं मिली है. आठ साल की ये मासूम बच्ची अपने माता-पिता को ढूंढने के लिए वो हर दिन चीन के एक शहर की सड़क पर स्टॉल लगाकर सब्जियां बेचती है. ये काम वो आज से नहीं, बल्कि पिछले 5 सालों से कर रही है. इस बच्ची का नाम Yang Xiuxia है और ये अपने उन पेरेंट्स को ढूंढना चाहती है, जो एक महीने की इस मासूम को बेसहारा छोड़ गए थे.

Yang कहती है कि वो अपने पेरेंट्स को बहुत याद करती है और मैं चाहती हूं कि एक दिन ऐसा आएगा, जब मेरे माता-पिता मेरे साथ होंगे और मुझे स्कूल से लेने आयेंगे.

21 फरवरी को Yang Xiuxia को चीन के शहर Dongguan की सड़क पर सब्जी का एक ठेला लगाए हुए देखा गया.

इस बच्ची के बगल में रखे साइनबोर्ड पर लिखा है, ‘वो अपने पेरेंट्स का इंतज़ार कर रही है, जो उसे उसके घर ले जाएंगे.’

Yang Xiuxia दक्षिणी चाइना के Dongguan शहर के Tangxia कसबे के Lianhu नाम के एक छोटे से गांव में रहती है. गांव के सभी लोग उसे प्यार से Mao Mao बुलाते हैं. Mao Mao का जन्म दो प्रवासी मजदूरों के घर में हुआ था, जो Sichuan Province के Wenchuan शहर में रहते थे. 10 मई 2008 को चुप-चाप अपनी 1 महीने की बच्ची को 70 वर्षीय अपनी पड़ोसी Huang Mengyi के दरवाज़े पर छोड़ कर गांव से दूर चले गए थे.

लोग प्यार से Yang को Mao Mao बुलाते हैं. उसने 2012 में तीन साल की उम्र से ही सब्ज़ी बेचना शुरू कर दिया था.

इस फ़ोटो में Mao Mao उस बूढ़ी Huang Mengyi के साथ बैठी है. इन्होंने ही उसका अभी तक पाला-पोसा है.

रोज़ स्कूल के बाद Mao Mao सब्जी का अपना ठेला लगाने के लिए Dongguan के Lianhu की सड़क पर जाती है और सब सामन सेट करती है.

इस मासूम को उम्मीद है कि जब उसके पेरेंट्स उसको ढूंढते हुए यहां आयेंगे, तो उसे आसानी से मिल जायेंगे.

Huang, जो एक रिटायर्ड मिलिट्री डॉक्टर हैं, तब से इस बच्ची की अपनी पोती की तरह देखभाल कर रही हैं. Huang और उनके पति Mao Mao का पालन पोषण करने के लिए एक छोटे से फॉर्म में सब्जियां उगाते हैं और उनको बेचते हैं. आपको बता दें कि इस दम्पति का एक 27 वर्षीय बेटा भी है, जिसे इन दोनों ने गोद लिया था और उसे भी उसके माता-पिता साल 1988 में बेसहारा छोड़ गए थे. हालांकि, Mao Mao कभी अपने असली पेरेंट्स से नहीं मिली है, फिर भी वो हर दिन उनके बारे में सोचती है. पांच साल पहले Mao Mao ने अपनी दादी की सब्जियां बेचने में मदद करना शुरू कर दिया था.

उसके पेरेंट्स 2008 में जब वो केवल 1 महीने की थी, तब उसे Huang के दरवाज़े पर छोड़ गए थे.

वो मानती है कि उसके पेरेंट्स ने उसको छोड़ने का फैसला उसकी बीमारी की वजह से लिया होगा.

Huang ने Mao Mao को इसलिए पाला-पोसा कि वो बड़ी होकर सब्जियां उगाने और बेचने में उनकी मदद करेगी.

ये फ़ोटो 21 फरवरी की है, जिसमें Mao Mao पपीता, शकरकंदी आदि बेचते हुए दिख रही है.

वो बताती है कि वो हर सब्जी के लिए वाजिब दाम लेती है.

Mao Mao अपनी दादी Huang और एक भाई, जिसे भी गोद लिया गया है के साथ रहती है.

उसने अपने सब्जी के स्टॉल के पास रखे हुए साइनबोर्ड पर अपने पेरेंट्स के लिए एक लेटर लिखा है.

‘Let Love Come Home’ एक संस्था है, Dongguan में स्थित है. इस संस्था का काम बेसहारा और बेघर लोगों की मदद करना है. इसके फाउंडर Zhang Guowei कहते हैं कि Mao Mao बहुत ही समझदार और स्मार्ट है. जब ‘Let Love Come Home’ संस्था के सदस्यों ने पहली बार Mao Mao को देखा, तो उसकी स्टोरी को सोशल मीडिया पर शेयर किया. Mao Mao की इस कहानी को सोशल मीडिया पर काफी लोगों ने आगे भी शेयर किया.

अपनी डायरी में इन बच्ची ने लिखा है, ‘मेरे पापा कहां हैं? मेरी मां कहां हैं? मेरे डैड और मेरी मॉम मेरे सपनों में मेरे साथ होते हैं. लेकिन जब मैं आंखें खोलती हूं, तो वो दोनों मुझे दिखाई नहीं देते.’

जहां कुछ लोग उसे देखकर और उसके बारे में जानकर वहां से चले जाते हैं, वहीं कुछ लोग उससे सब्जी भी खरीदते हैं.

इतना ही नहीं, उसको इस स्थति में देखने वाले कुछ लोग उसके पेरेंट्स से गुजारिश भी करते हैं, कि वो जहां भी हैं आकर Mao Mao को अपने साथ ले जायें.

कुछ लोगों ने Mao Mao को सोशल मीडिया के ज़रिये पैसे भी दिए हैं उसकी मदद करने के लिए, तो कुछ ने उसकी सब्जियां खरीद कर उसकी सहायता की है.

हम आशा करते हैं कि इस मासूम को उसके बिछड़े हुए माता-पिता जल्द ही मिल जायें.

Source: dailymail