आंध्र प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते मरीज़ों को देखते हुए लॉकडाउन की मियाद जुलाई के महीने बढ़ा दी गई थी. इसकी सबसे बड़ी मार मंदिर और उसके आस-पास बैठने वाले भिखारियों पर पड़ी. उनके सामने एक बार फिर से भूखे पेट सोने की नौबत आ गई थी. श्रीकाकुलम इलाके के भिखारियों का भी यही हाल था.
ऐसे में उनके लिए मसीहा बनकर आया दोस्तों का एक ग्रुप जो पिछले 10 दिनों से उन्हें खाना खिला रहा है. इसके लिए वो रोज़ाना अपनी जेब से 3,500 रुपये ख़र्च कर रहे हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2020/08/5f33d12160c06044d94a5c82_40f82ff8-8032-499d-842b-60b8e4b9e492.jpg)
श्रीकाकुलम ज़िले के पलासा के रहने वाले हरीश कुमार श्रीकांत एक दिन एक भिखारी को 50 रुपये दे रहे थे, तो उसने पैसों की जगह खाने के लिए कुछ मांगा. तब उन्हें भिखारियों और ऐसे ही दूसरे ग़रीब लोगों की भूख का एहसास हुआ जो लॉकडाउन के कारण भूखे सोने को मजबूर हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2020/08/5f33d12160c06044d94a5c82_4decd227-2368-4a23-a6bc-ba4f32fe40a8.jpg)
इसके बाद उन्होंने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर इलाके के भिखारियों को खाना खिलाने का प्लान बनाया. वो अगले दिन से ही इलाके के क़रीब 70 भिखारियों को रोज़ाना भोजन उपलब्ध कराने लगे. श्रीकांत, वेणुगोपाल और एन. श्रीनिवास ये तीनों दोस्त मिलकर इनके भोजन का पूरा ख़र्च उठाते हैं. उनका कहना है कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते वो इन लोगों को खाना खिलाना जारी रखेंगे.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2020/08/5f33d12160c06044d94a5c82_21dad3eb-ef75-41b4-ba3b-05ddaa6bc1c5.jpg)
श्रीकांत एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं. उन्होंने इस बारे में बात करते हुए कहा– ‘शुरुआत में हमने पलासा के भिखारियों को खाना खिलाना शुरू किया था. इसके बाद जब हमारे पास पैसे ख़त्म होने लगे और हमें लगा कि अब हम आगे इन्हें खाना नहीं खिला पाएंगे तो हमने दोस्तों से मदद मांगी. हमने उन्हें अपना जन्मदिन या एनिवरसरी सेलिब्रेट करने कि बजाए इन लोगों को खाना खिलाने के लिए प्रोत्साहित किया.’
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2020/08/5f33d12160c06044d94a5c82_8b5a6e77-eb19-4188-ae4e-d3b599df8c8d.jpg)
इसके बाद कुछ लोग उनकी इस मुहिम में हाथ बंटाने लगे. कोई अनाज तो कोई पैसों से उनकी मदद करने लगा. श्रीकांत ने बताया कि अब वो आस-पास के इलाके के भिखारियों को भी खाना खिला रहे हैं. कोरोना महामारी के बीच उन्हें संतुलित भोजन मिले इसलिए वो अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते हैं कि उनके लिए बनाया जाने वाला खाना पौष्टिक हो.
Life से जुड़े दूसरे आर्टिकल पढ़ें ScoopWhoop हिंदी पर.