पीरियड्स से जुड़ी कई भ्रांतियां हमारे समाज में व्याप्त हैं. पीरियड्स को प्रकृति का वरदान न मान कर इसे अब भी कई लोग घिनौना समझते हैं. पीरियड्स उतना ही नॉर्मल है, जितना किसी इंसान का सांसें लेना, पर आज भी कई लोग इसे Accept नहीं कर पाते.  

शेयर कैब में कई तरह के लोग सफ़र करते हैं. ज़ाहिर है अनुभवों का भंडार भी होता है. Efforts For Good ने एक MBBS छात्रा, स्नेहा ने Share Cab Experience को शेयर किया. जस का तस रखने की कोशिश कर रहे हैं: 

Entrepreneur

‘कुछ दिनों पहले मैंने शेयर-कैब ली. कैब की आगे की सीट पर एक लड़का बैठा था. लंबा, अच्छे से तैयार. उसकी घड़ी और iPhone उसके अमीर होने की गवाही दे रहे थे. वो फ़ोन पर था, अंग्रेज़ी में बात कर रहा था. ‘पक्का इंग्लिश मीडियम होगा’, मैंने सोचा. थोड़ी देर में तीसरे पैसेंजर का पिक-अप आ गया. एक महिला कैब में बैठी, चेहरे से वो काफ़ी असहज दिख रही थी. मैंने उसे सीट पर असुविधानजनक ढंग से बैठते देखा. किसी ज़िम्मेदार नागरिक की भांति मैंने Earphone लगाए और सो गई.

‘इनको तो बस गंदगी फैलानी होती है हर जगह.’ इससे मेरी नींद खुली, आगे की सीट पर बैठा लड़का बड़बड़ा रहा था. ‘ऐसे पब्लिक कार में दाग छोड़ के गई, शर्म भी है या नहीं?’
मैंने अपनी जीन्स चेक की. मेरे पीरियड्स का 5वां दिन था. इतनी बुरी तरह Bleed करने का सवाल ही नहीं उठता था. उसके बाद मैंने नज़र घुमाई, मेरे पास की सीट पर लाल दाग़ लगा था. उसी जगह पर जहां वो लड़की बैठी थी. मुझे याद आया कि उसने कैब लेते वक़्त अपना बैग अपने पीछे रखा था. ये परिस्थिति काफ़ी अजीब थी. 
आगे बैठा हुआ लड़का अभी भी बड़बड़ा रहा था. 
‘देवी मैया को पूजा चढ़ाने जा रहे थे. पता नहीं क्या आफ़त आ गया और शेयर बुक कर लिया. अब पूरा घड़ी ख़राब हो गया. हमको तो यहीं उतार दीजिए भैया.’ 
 ड्राइवर अब तक शांत था. उस लड़के के उतरने के बाद वो गाड़ी से उतरा और कार के पीछे का दरवाज़ा खोला. शाम के 6 बज रहे थे.
‘बस 2 मिनट मैम’ कहकर वो झुका और एक गीले कपड़े से दाग़ साफ़ करने लगा. 
‘भैया, एक बात बताइए, आपको सच में अजीब नहीं लगा? आपके गाड़ी में दाग़ लगा और आप मिटाए उसे ख़ुद?’ मैंने पैसे देते हुए ड्राइवर से पूछा. वो मुस्कुराया. 
मैं फ़ुटपाथ पर चुपचाप खड़ी रह गई और समझने की कोशिश करती रही कि शिक्षा का असल मतलब क्या होता है.’ 

The National

अक़सर पीरियड्स स्टेन के लिए महिलाओं और लड़कियों को लज्जित महसूस करवाया जा सकता है. ये सच है कि स्टेन लगने से हम रोक सकते हैं लेकिन हर बार ये संभव नहीं होता. इस कैब ड्राइवर ने जो किया, वो कई बार अन्य महिलाएं भी नहीं कर पाती हैं.