एसिड अटैक सर्वाइवर, अनमोल रॉड्रीग्ज़हर हम सभी के लिए प्रेरणा हैं और उनके साहस ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया है! जब वो सिर्फ़ 2 महीने की थीं, तब उसके पिता ने उसकी मां पर तेज़ाब फेंक दिया था. वो उस समय अपनी मां की गोद में लेटी थी और इस हमले का शिकार बन गईं. उनकी मां ने जलने की वजह से दम तोड़ दिया.
अनमोल को अस्पताल में 5 साल अपने शरीर और ज़हन पर लगे निशानों से लड़ना और संघर्ष करना पड़ा. अस्पताल में अनमोल के साथ एकदम अपनों जैसा व्यवहार हुआ, वो लोग ही उसका परिवार और उसकी उम्मीद दोनों बन गए. जल्द ही अनमोल को एक अनाथालय में भेज दिया गया जो उसकी शिक्षा और उसकी सभी जरूरतों का ध्यान रखने वाले थे.
जल्द ही अनमोल को अनाथालय छोड़ना पड़ा. 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद, अनाथालय बच्चों को अपने दम पर रहने के लिए कहता है. वो कॉलेज में रैंक होल्डर थीं लेकिन उनका संघर्ष व्यक्तिगत स्तर पर था. कॉलेज के बच्चे अनमोल के साथ दोस्ती नहीं करना चाहते थे. सभी लोग अनमोल को उसके चेहरे से जज करते थे. किसी ने कभी उसे व्यक्तिगत तौर पर जानने की कोशिश ही नहीं की. सभी मुश्किलों से जूझते हुए अनमोल ग्रेजुएट हो गई.
बहुत सारे रिजेक्शन्स के बाद अनमोल को नौकरी मिल गई, लेकिन उसे सिर्फ 2 महीने में नौकरी छोड़नी पड़ी क्योंकि सभी ने उसके चेहरे पर ध्यान केंद्रित किया न की इस पर कि वो किस तरह की इंसान है. कर्ली टेल्स के साथ हुए एक इंटरव्यू में अनमोल ने कहा था, ‘मुझे छोड़ने के लिए कहा गया क्योंकि लोगों ने कहा कि मेरे चेहरे की वजह से लोग अपने काम पर ध्यान नहीं दे पाते हैं.’
इस बीच, उसने एक नया फ़ोन लिया और सोशल मीडिया की दुनिया में खो गईं. उसने अपने फ़ोटोज़ को पोस्ट करना शुरू करा और लोगों ने उसका समर्थन भी किया. मगर सोशल मीडिया और असल ज़िंदगी में बहुत फ़र्क होता है.
अनमोल ने कहा, ‘मैं कैमरे के आगे रहना चाहती थी एक्ट्रेस या मॉडल बनना चाहती थी. ऐसे में मेरी दोस्त और मैनेजर मेघा ने मेरी मदद करनी शुरू की.’
लोगों और सबसे महत्वपूर्ण ब्रांड्स ने अनमोल की प्रोफ़ाइल को देखना शुरू कर दिया और उसे अपने साथ काम करने के लिए कहा. उन्होंने क्लोविया ब्रांड के लिए कपड़ों की एक नई लाइन शुरू की. उसने शबाना आज़मी के साथ एक छोटी फिल्म, ‘चाची जी’ में भी अभिनय किया! जल्द ही उसने टेड टॉक्स, रैम्प वॉक और अन्य चीज़ें भी करना शुरू कर दिए था.
उसका जीवन आज नई ऊचाइंयों की तरफ लगातार बढ़ रहा है. वो अभी Kineer के साथ काम करती हैं. एक संगठन जो एलजीबीटीक्यू समुदाय के लिए काम करता है. लोग हमेशा देखेंगे और घूरेंगे! अनमोल उन सभी घूरती नज़रों से डट कर लड़ी, रूढ़िवादी सोच को तोड़ा और अपने रास्ते में आई सारी नफ़रतों से ऊपर उठी. वो एक ऐसी चीज़ से जूझ रही थी जिसकी वो कभी भी हक़दार नहीं थी. मगर अपने भाग्य पर रोने के बजाय, उसने अपने रास्ते में आई हर चुनौती को हंस कर अपनाया.