कोविड-19 और लॉकडाउन ने हम सभी की ज़िन्दगी बदल दी. बहुत से लोगों ने नौकरियां गंवा दी और बहुत से लोग आधी या कम से कम सैलरी में काम करने को मजबूर हैं.
ऐसे में एक-दूसरे की छोटी-मोटी मदद करके ही ज़िन्दगी चल सकती है.
जहां एक तरफ़ सरकारी और ग़ैरसरकारी संस्थानों ने लोगों की मदद करने का बीड़ा उठाया वहीं दूसरी तरफ़ आम लोगों ने भी अपनी क्षमता अनुसार, दूसरों की सहायता की.
देशभर में कई मकान मालिक, पीजी और हॉस्टल चलाने वालों ने किरायदारों, छात्रों से किराया नहीं लिया, या आधा किराया लिया. कई लोगों ने हाउस हेल्प की सैलरी भी नहीं काटी.
पेश हैं अच्छाई और मदद के कुछ क़िस्से-
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