इस दुनिया में सबसे बड़ा जानवर कोई है, तो वो है इंसान. इंसान न सिर्फ़ इंसान का दुश्मन है, बल्कि जानवरों के सबसे बड़े दुश्मन भी इंसान ही है. हमें ख़ुद को इंसान कहने पर बड़ा गर्व होता है, लेकिन हमारे काम इंसानों वाले तो कतई भी नहीं हैं. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जानवरों के साथ होने वाले अत्याचारों में इंसान पहले नंबर पर आता है. 

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एक वक़्त था, जब हाथी दांतों से बने नक्काशी किए गए गहनों और शो पीस के जुनून की वज़ह से हाथियों की आबादी बहुत कम हो गई थी, लेकिन साल 1989 में हाथी दांत की बिक्री पर रोक लगने से अफ़्रीका में हाथियों की जनसंख्या स्थिर हो पायी थी. 

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बावजूद इसके पिछले कई सालों से चोरी छिपे दुनिया भर में हाथियों को उनके दांतों के लिए मारा जा रहा है. क्योंकि एक हाथी दांत की क़ीमत अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में लाखों रुपये है. इंसान आज इतना क्रूर हो चुका है कि अपने फ़ायदे के लिए बेज़ुबान जानवरों की जान लेने पर आमादा है. 

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अफ़्रीकी देशों में ये समस्या पिछले कई दशकों से जारी है क्योंकि अफ़्रीका पिछले कई वर्षों से युद्ध पीड़ित महाद्वीप रहा है. युद्ध के दौरान हाथियों की तस्करी मांस और दांत के लिए की जाती रही है. इस कारण ही अफ़्रीकी हाथियों की संख्या में तेजी से कमी आई है.

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मोज़ाम्बिक के Gorongosa National Park में मौजूद 200 मादा हाथी, जो युद्ध के दौरान ज़िंदा बच गईं थी, उनमें से 51% बिना दांत के थीं. जबकि युद्ध के बाद पैदा हुई मादा हाथियों में से 32% बिना दांत की हैं. 

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हाथियों के संरक्षण और हाथीदांत की अवैध बिक्री पर में नज़र रखने में जुटे इस्मोन मार्टिन का कहना है कि- 

‘अफ़्रीका में रहने वाले चीनी नागरिक कच्चा या नक्काशी किया हुआ हाथी दांत ख़रीद रहे हैं. आख़िर बार जब मैं खारतुम में था, तो मैंने देखा कि वहां जो हाथी दांत बेचा जा रहा था, उसमें 75 प्रतिशत हाथी दांत चीन से ही लाए गए थे’.
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ब्रिटिश सरकार के मुताबिक़, दुनिया भर में ग़ैरक़ानूनी वन्य जीवों का कारोबार सालाना छह अरब पाउंड (क़रीब छह ख़रब रुपये) का है. गैंडे के सिंग की क़ीमत 40 हज़ार पाउंड (क़रीब चालीस लाख रुपये) प्रति किलोग्राम है, जो सोने से भी महंगा है. बीते साल हाथी दांत के लिए क़रीब 22 हज़ार हाथियों को मारा गया.

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सिर्फ़ हाथी ही बल्कि गैंडे, शेर, भालू, कछुए, छिपकली, सांप जैसी कई अन्य जानवर तस्करों के प्रमुख शिकार बन रहे हैं. हाल ही में चीन और अमेरिका ने हाथीदांत के व्यापार पर पूरी तरह से रोक लगा दी है.