समय बुरा हो या अच्छा. आस-पास देखेंगे, तो बहुत से अच्छे लोग दिख जाएंगे. ऐसे लोग हमेशा निस्वार्थभाव से दूसरों की सेवा में लगे रहते हैं. अब अहमदाबाद के ‘सेवा कैफै़’ को ही ले लीजिये. इस कैफ़े का जैसा नाम है. वैसा काम भी है.
यहां आने वाले जो चाहें जितना चाहें खा सकते हैं और उन्हें पैसे देने की भी ज़रूरत नहीं होती. बिल्कुल सही पढ़ा आपने. ‘सेवा कैफ़े’ अहमदाबाद का वो रेस्टोरेंट है, जो लोगों से खाने के पैसे नहीं वसूलता. आप जो कुछ भी ऑर्डर करके खायेंगे. बाद में आपको बिल की जगह एक लिफ़ाफ़ा दे दिया जाएगा. इस लिफ़ाफ़े में आप अपनी इच्छा अनुसार पैसे दे सकते हैं.
आपके दिये हुए पैसे से कैफ़े आने वाले अन्य लोगों को खाना खिला दिया जाएगा. यानि आपके दिये हुए पैसे किसी अन्य का पेट भरने के काम आयेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 11 सालों से ये कैफ़े इसी गिफ़्ट इकोनॉमी पर काम कर रहा है. कैफ़े का संचालन मानव सदन और स्वच्छ सेवा सदन NGO द्वारा किया जा रहा है. कैफ़े खुलने का समय गुरुवार से रविवार शाम 7 बजे से 10 बजे तक है. कैफ़े तब तक खुला रहता है, जब तक वहां कम से कम 50 लोग न आयें.
इतना ही नहीं. यहां घूमने-फिरने आने वाले लोग भी कैफ़े में मदद भाव से जाते हैं. अगर किसी को कुकिंग का शौक़ है, तो वो कैफ़े में जाकर कुकिंग में सहयोग दे सकता है. कुछ चीज़ों की सच में कोई क़ीमत नहीं होती.