भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति और विप्रो कंपनी के चेयरमैन अज़ीम प्रेम जी नो वो किया, जिसकी मिसाल सदियों तक दी जाएगी. उन्होंने एक बार में मजबूर जनता की भलाई के लिए 52,750 करोड़ का दान कर दिया.  

प्रेमजी ने जो धनराशी दान की है, वो उनकी विप्रो लिमिटेड की 34 प्रतिशत हिस्सेदारी है.  

इससे पहले भी अज़ीम प्रेमजी बड़ी राशियां डोनेट करते आए हैं. उन्होंने अपने बारे में एक बार कहा था कि अमीर होने में उन्हें थ्रिल नहीं मिलता. शायद इसलिए उनकी डोनेशन वाली लिस्ट के सामने दुनिया के बड़े से बड़ी अमीर ग़रीब नज़र आते हैं.  

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साल 2001 में उन्होंने Azim Premji Foundation की नींव रखी, इसका मक़सद शिक्षा के क्षेत्र में मौजूद असमानता दूर करना, उन बच्चों तक अच्छी शिक्षा की सुविधा पहुंचाना जिनकी आर्थिक हैसियत स्कूल जाने की भी नहीं है. उनकी संस्था ज़्यादातर देश के ग्रामीण हिस्सों में सक्रिय है.  

साल 2010 में अज़ीम प्रेमजी ने 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर डोनेट किए, उस समय इसकी गिनती भारत के सबसे बड़े चैरिटी के रूप में हुई थी. इन पैसों का इस्तेमला भी शिक्षा के क्षेत्र की बेहतरी के लिए ही किया जाना था.  

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साल 2010 मे ही अजीम प्रेमजी को Asiaweek पत्रिका ने विश्व के 20 Powerful Men की लिस्ट में जगह दी थी. टाइम मैगज़ीन भी अब तक दो बार उनका नाम 100 प्रभावशाली व्यक्तियों की लिस्ट में रख चुकी है.  

साल 2013 में विश्व के धनवान व्यक्तिओं द्वारा The Giving Pledge की शुरुआत की गई. इसके तहत वो अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा दान करने वाले थे. इसके तहत बिल गेट्स और वॉरेन बफ़े ने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा दान किया था. भारत से सिर्फ़ अज़ीम प्रेमजी ने The Giving Pledge पर हस्ताक्षर किए था.  

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साल 2013 तक वो अपनी संपत्ति का 25 प्रतिशत हिस्सा चैरेटी में डाल चुके थे. 2015 में उन्होंने विप्रो लिमिटेड में अपने हिस्से का अतिरिक्त 18 प्रतिशत शेयर चैरेटी के लिए त्याग दिया.

इस दान को मिलाकर उनके द्वारा किए गए टोटल डोनेशन का योग 1,45,000 करोड़ होता है. जोकि विप्रो लिमिटेड के आर्थिक स्वामित्व का 67 प्रतिशत है.  

उन्होंने ये दान अपनी ही चैरिटी संस्था Azim Premji Foundation को दिया है, उनकी यह संस्था कई तरीके से ज़रूरत मंदों के लिए काम करती है और उन संस्थानों को भी आर्थिक मदद पहुंचाती है, जो इस काम में लगे हुए हैं. इसके मदद से बेंग्लुरू में Azim Premji University भी चलती है.इस डोनेशन से एक और विश्वविद्यालय शुरू करने की योजना है.   

Forbes के अनुसार, प्रेमजी के पास 22.6 बिलियन डॉलर की संपत्ति थी लेकिन इस डोनेशन के बाद यह 80 प्रतिशत घट कर 4.4 बिलियन डॉलर हो गई है. अब अज़ीम प्रेमजी और उनका परिवार विप्रो लिमिटेड के सात प्रतिशत शेयर का मालिक है.