भारत में एक बहुत बड़ी आबादी हिन्दुओं की है. भगवान देवी-देवाताओं के न जाने कितने ही मंदिर पूरे देश में होंगे. इन करोड़ों मंदिरों से जुड़ी अनगिनत मान्यताएं हैं. लेकिन कुछ मंदिर ऐसे है जिनकी कथाएं आपको पुराणों में भी मिलेगी और उनके प्रति आस्था हर किसी के अंदर होती है. देश में कुछ ऐेसे भी मंदिर हैं, जिनसे जुड़ी मान्यातएं या कथा काफ़ी रोचक और अजीब हैं. तो चलिए आपको भी ऐसे ही कुछ मंदिरों के दर्शन कराते हैं और उनकी मान्यताओं के बारे में बताते हैं.

1. पाकिस्तान का कटसराज मंदिर.

पाकिस्तान के चकावल गांव से करीब 40 किलोमीटर दूर कटसराज मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर के पास बना कुंड भगवान शिव के आंसूओं से बना है. देवि सती की मृत्यु के बाद शिव जी के आंसू निकल आए और इन आंसूओं से दो कुंड बने. एक कुंड उज्जैन में है और दूसरा इस जगह. यहां बने मंदिर को त्रेतायुग से भी जोड़ा जाता है. कहा जाता है कि पांडव अपने वनवास काल 12 साल के 4 साल यहीं रहे थे.

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 2. हिमाचल प्रदेश का भलेई माता मंदिर.

वैसे तो देश में जितने मंदिर होते हैं उतनी मान्यताएं आपको देखने को मिल जाएंगी. हिमाचल प्रदेश के भलेई माता मंदिर में लगी देवि की प्रतिमा से पसीना आता है. यहां ये भी कहा जाता है कि अगर मूर्ती से पसीना आते वक़्त आप मंदिर में हैं, तो आपकी मनोकांमना पूरी हो जाती है.

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 3. गुवाहाटी का कामख्या मंदिर.

इस मंदिर को शक्तिपीठ कहते हैं. कहा जाता है कि देवि सती के पार्थिव शरीर को जब भगवान शिव ले कर जा रहे थे तब उनकी योनि इस जगह गिरी थी. इसी कारण इस जगह को कामख्या कहा जाता है. ये मंदिर महीने में चार दिनों के लिए बंद किया जाता है. कहा जाता है कि ये चार दिन देवी जी के मासिक धर्म का वक़्त होता है.

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 4. उज्जैन का काल भैरव मंदिर.

इस मंदिर में भगवान शिव का भैरव रूप है. यहां काल भैरव को खुश करने के लिए श्रद्धालु शराब चढ़ाते हैं. शराब भैरव बाबा के होंठों से लगाई जाती है औऱ फिर प्रसाद रूप में ग्रहण भी की जाती है.

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 5. बीकानेर का करणी माता मंदिर.

माता भगवती का करणी रूप बीकानेर के इस मंदिर में स्थापित है. इस मंदिर के परिसर में आपको लाखों चूहे दिख जाएंगे. चूहों की भीड़ में अगर आपको सफेद चूहा दिख जाए, तो मंदिर में मांगी गई मनोकांमना ज़रूर पूरी होती है. इस मंदिर की मान्यता है कि यहां देवी को चढ़ाया गया प्रसाद पहले चूहों को खिलाना पड़ता है. साथ ही चूहों का खाया प्रसाद ही आपको खाना पड़ता है. इस मंदिर की एक और अनोखी बात है कि यहां कभी बिल्ली को प्रवेश करते नहीं देखा गया. साथ ही चूहों की वजह से यहां कभी प्लेग नहीं फैला है.

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 6. हिमाचल प्रदेश का ज्वाला देवि मंदिर

हिन्दू धर्म में इस मंदिर की काफ़ी बड़ी मान्यता है. इस मंदिर में एक ज्वाला हज़ारों सालों से जल रही है. कहा जाता है कि इस मंदिर की ज्वाला को एक बार अकबर ने बुझाने की कोशिश की थी. अपने हर हथकंडे अपनाने के बाद भी जब ज्योत बंद नहीं हुई, तब अकबर ने देवी मां से माफ़ी मांगी और छत्र भेंट की. इस मंदिर के बारे में ये भी कहा जाता है कि ये ज्योत गुरू गोरखनाथ के आने के बाद ही बंद होगी, जो सतयुग में दोबारा जन्म ले कर यहां आएंगे.

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 7. मेहंदीपुर बालाजी

यह मंदिर भगवान हनुमान का है. यहां लोग अपने जीवन में आने वाले सारे कष्टों का निवारण करने आते हैं. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां आने से प्रेत बाधा दूर होती है. हर साल लाखों की संख्या में यहां लोग बालाजी के दर्शन के लिए आते हैं.

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भारत में मान्यताओं के पीछे लोगों की असीम श्रद्धा है. तभी तो लोग अपने कष्टों को दूर करने के लिए इन मंदिरों के दर पर अपना माथा टेकना कभी नहीं भूलते. अगर आपके पास भी कुछ ऐसे मंदिरों की जानकारी है, तो कृपया हमारे साथ साझा करना न भूलें.