नवी मुंबई के जुई नगर स्थित बैंक ऑफ़ बड़ौदा में बदमाश फ़िल्मी स्टाइल में सेंध लगा कर, 40 लाख से अधिक की नकदी और ज़ेवर लेकर फ़रार हो गए. चोर कुल 225 लॉकरों में से 30 लॉकर तोड़ कर, उसमें रखा सामान चुरा ले गए. वहीं बैंक अधिकारियों कहना है कि सीसीटीवी फ़ुटेज की मदद से मामले की जांच जारी है.
हालांकि, बैंक डैकेती का ये ऐसा पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी इस तरह की कई घटनाएं घटित हो चुकी हैं. हैरत की बात ये है कि लगातार हो रही चोरी की तमाम शिकायतें मिलने के बावजूद, बैंक लॉकर की सुरक्षा में कोई बदलाव नहीं आया. साथ ही चोरी हुए सामान पर कोई मुआवज़ा भी नहीं मिलता. इस बारे में RBI ने बयान देते हुए कहा था, ‘लॉकर में मौजूद कीमती सामान के नुकसान के लिए बैंकों की कोई ज़िम्मेदारी नहीं है.’
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मतलब अगर आप ये सोचते हैं कि बैंक लॉकर में आपकी ज़िंदगी भर की जमा-पूंजी पूरी सुरक्षित है, तो आप ग़लत सोच रहे हैं. यहां सवाल ये उठता है कि आख़िर ऐसे में इंसान करे भी तो क्या करे? दरअसल, नवी मुंबई में हुई ये चोरी की घटना हम सभी के लिए एक बहुत बड़ी सीख है. इस तरह की घटना दोबारा घटित न हो, इसके लिए बस थोड़ी सी सावधानी बरतनें की ज़रूरत है.
बैंक में लॉकर अकाउंट बनाने से पहले जान लें इससे जुड़ी कुछ ऐसी बातें, जिनसे आप अपना अकाउंट सुरक्षित रख सकते हैं:
1. कुछ महीने पहले 19 PSU और RBI ने RTI का जवाब देते हुए ये साफ़ कर दिया था कि ‘लॉकर में रखी किसी भी वस्तु के नुकसान के लिए बैंकों की कोई ज़िम्मेदारी नहीं होगी. फिर चाहें इस क्षति की वजह आग, बाढ़, दंगा और भूकंप ही क्यों न हो. बैंक बस एक सामान्य तरीके से आपके सामान की निगरानी कर सकता है. ऐसे में अपने सामान की सुरक्षा करने का एक ही उपाय है, वो ये कि बैंक लॉकर में सामान जमा करने से पहले आप उसका बीमा करा लें.
2. किराए पर लॉकर लेने वाले व्यक्ति और बैंक के बीच ठीक वैसा ही रिश्ता होता है, जैसा कि एक मकान मालिक और किराएदार के बीच होता है. मलतब साफ़ है कि अगर आप बैंक लॉकर में सामान जमा करते हैं, तो आपको इसकी कीमत अदा करनी होती है. ये कीमत लॉकर के साइज़ के हिसाब से तय की जाती है. सालाना कीमत 1 हज़ार से लेकर 10 हज़ार रुपये तक हो सकती है.
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3. ध्यान रहे कि कुछ बैंक ऐसे होते हैं, जो ग्राहकों से ऐसे एग्रीमेंट पर साइन करा लेते हैं, जिस पर चेतावनी देते हुए लिखा होता है कि लॉकर में रखी किसी भी वस्तु की ज़िम्मेदारी बैंक की नहीं होगी. इसीलिए किसी भी बैंक में लॉकर खुलवाने से पहले उसके नियम और कानूनों को अच्छे से पढ़ लें और सतुंष्टि होने पर ही लॉकर खुलवाएं.
4. क्योंकि बैंक हमारे सामान की सुरक्षा करने का पैसा लेते हैं, साथ ही वो हमें ये आश्ववासन देते हैं कि लॉकर में आप का सामान पूरी तरह सुरक्षित हैं. इसीलिए अगर ग्राहक सामान की क्षति होती है, तो भरपाई के लिए बैंक की जवाबदेही बनती है.
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5. अगर लॉकर में मौजूद आपके किसी सामान की क्षति होती है और बैंक इसकी भरपाई करने से मना करता है, तो अदालत के साथ-साथ आप National Consumer Redressal Commission (NCDRC) से भी संपर्क कर सकते हैं.
6. बैंक में लॉकर खुलवाने से पहले ये जांच लें कि उस जगह सीसीटीवी लगा हुआ है या नहीं, ताकि सामान चोरी या गुम होने पर उसकी आसानी से जांच की जा सके.
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7. अपने सामान की सुरक्षा करने का बेस्ट तरीका है बीमा. हालांकि, लॉकर में रखे सामान के लिए बाज़ार में अभी कोई विशेष बीमा पॉलिसी उपलब्ध नहीं है, लेकिन आप Homeowner’s Policy लेकर, अपने कीमती सामान को घर पर ही रख कर उसकी सुरक्षा कर सकते हैं.
8. वहीं आप बैंक लॉकर में क्या रख रहे हैं और उससे क्या निकाल रहे हैं, बैंक को इसकी कोई जानकारी नहीं होती. ऐसी स्थिति में जब किसी व्यक्ति के लॉकर में चोरी हो जाती या फिर सामान क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो नुकसान का सही अंदाज़ा लगाना काफ़ी मुश्किल हो जाता है. इसीलिए ज़रूरी है कि अपने कीमती समान की रसीद या फिर उससे जुड़े हुए ज़रूरी कागज़ात संभाल कर रखें.
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9. इन सारी बातों के अलावा आपको ये भी ध्यान देना चाहिए कि Homeowner’s Policy के तहत कोई Limit तो नहीं है, क्योंकि ICICI Lombard और Tata AIA General के साथ ही कई बीमा कंपनियां ऐसी हैं, जो Jewelry बीमा का 25 प्रतिशत भुगतान करती है. मान लीजिए आपने 3 लाख रूपये तक की पॉलसी ली है, तो आपको Jewelery सिर्फ़ 25 प्रतिशत यानि, 75 हज़ार रुपये मिलेगा.
10. वहीं कुछ Householder’s Insurance पॉलिसी ऐसी भी हैं, जो न सिर्फ़ घर पर रखी हुई चीज़ों की भरपाई करती हैं, बल्कि यात्रा या फिर वस्तु के आकस्मिक नुकसान की भी भरपाई करती हैं. इसके ज़रूरी है कि पॉलिसी लेते वक़्त आप वैल्यूएशन सर्टिफ़िकेट जमा करें.
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आए दिन घटित हो रही चोरी की घटनाओं से बैंक शाखाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिए हैं. वर्तमान समय में किसी शाखा पर रात के वक़्त सुरक्षा कर्मी नहीं नज़र आते. ऐसे में दिन पर दिन बदमाशों के हौसले और भी बुलंद होते जा रहे हैं.