कभी-कभी ऐसे वाकये सामने आते हैं, जिन्हें सुनकर लगता है कि अभी-भी लोगों में इंसानियत बची है और वो एक-दूसरे के दर्द को अच्छे से समझते हैं. उनकी मदद करने के लिए हर मुश्किल से भी गुज़र सकते हैं. ऐसा ही एक एक वाकया तमिलनाडु में हुआ, जहां एंबुलेंस ने टाइम पर पहुंचने के लिए हर मुसीबत को पार कर लिया.
दरअसल, हुआ ये था कि तमिलनाडु के रहने वाले ननजप्पन की गर्भवती पत्नी कविता को सुबह के 5:15 पर लेबर पेन हुआ, तो उन्होंने 108 पर एंबुलेंस को फ़ोन किया. सब लोग जानते हैं कि लेट-लतीफ़ी के लिए प्रसिद्ध एंबुलेंस कभी टाइम पर नहीं पहुंचती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ जब एंबुलेंस श्रीमुगाई के पास के गांव में पहुंची, तो बारिश की वजह से वो रास्ता जाम था. इसके चलते एंबुलेंस को थोड़ी दूर पर खड़ा करके डॉक्टर्स ने दूसरे रास्ते से जाना चाहा जो बहुत मुश्किल था और समय भी लग गया.
जब तक वो डॉक्टर्स पहुंचे कविता की डिलीवरी हो चुकी थी, और उसने एक लड़के को जन्म दिया. अरुण कुमार ने बताया कि बच्चे का Umbilical Cord यानि नाभि रज्जू काट दिया गया है. और मां और बच्चा दोनों ठीक है. साथ ही उन्होंने बताया कि बच्चे को अभी और ट्रीटमेंट की ज़रूरत इसके लिए उसे Mettupalayam General Hospital ले जाया जा रहा है और कविता को भी अस्पताल ला जाया जाएगा. इसके लिए हम साधन जुटा रहे हैं. गौरतलब है कि एंबुलेंस तक पहुंचने के लिए दो पहिए और नाव का सहारा लिया था.
Mettupalayam General Hospital, पहुंचने के बाद Chief Medical Officer, S Cheralathan ने बताया कि डिलीवरी के समय कविता का काफ़ी का खून बह गया है इसलिए उसे Coimbatore Medical College and Hospital भेजा जा रहा है.
The New Indian Express को दिए इंटरव्यू के अनुसार, S Cheralathan ने बताया कि बच्चा और मां दोनों ठीक हैं.
वहीं 20 साल की रोज़ा कहती हैं कि हमें गर्व है की हमने बच्चे को बचा लिया. अगर वो इंतज़ार करते तो ख़तरा हो सकता था, क्योंकि बच्चे के हाथ और पैर नीले पड़ने लग गए थे. साथ ही भी बताया कि ये तीसरा रेस्क्यू था, जिसका वो हिस्सा हैं.
इस घटना ने और यहां के डॉक्टर्स ने साबित कर दिया कि डॉक्टर को भगवान कहना ग़लत नहीं है. अगर ऐसे ही सब डॉक्टर अपना काम ईमानदारी से करें तो लोगों की जानें बचाई जा सकती हैं.
Feature Image Source: newindianexpress