हम में से बहुत से लोग हैं जो पर्यावरण और अपने आस-पास को साफ़-सुथरा बनाने में अपना योगदान तो करना चाहते हैं, पर ऐसा कर नहीं पाते. इसे जस्टिफ़ाई करने के लिए हम कोई न कोई बहाना बना ही लेते हैं. ऐसे लोगों को 94 साल के एक दादा जी से प्रेरणा लेनी चाहिए, जो इस उम्र में भी कृष्णा नदी के किनारों को साफ़ करने में अपना योगदान दे रहे हैं.
आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा ज़िले में एक संस्था है जिसका नाम है Amaravati Walkers And Runners Association (AWARA). ये संस्था लोगों को फ़िटनेस के गुर सिखाने के साथ ही हर वीकेंड पर कृष्णा नदी के किनारे फ़ैले कचरे को साफ़ करने का काम भी करती है.
उनकी इस मुहिम में साथ देते हैं 94 वर्षीय Annavarapu Ramaswami और 9 साल के विकास. ये दोनों इस नेक काम में योगदान देने वाली इस संस्था से जुड़े क्रमश: सबसे उम्रदराज़ और सबसे कम उम्र के कार्यकर्ता हैं. वो नियमित रूप से इस संस्था द्वारा चलाई जा रही पर्यावरण को साफ़ करने कि मुहिम में हिस्सा लेने पहुंचते हैं.
इस बारे में बात करते हुए विकास ने कहा- ‘धरती मां की सेवा कभी भी शुरू की जा सकती है, इसके लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती. ‘ उन्होंने बताया कि पहले उन्हें पढ़ने में परेशानी होती थी. इसलिए उनका दाखिला कुंचनपल्ली के एक स्पेशल स्कूल में कराया गया था.
इस स्कूल में आने के बाद वो AWARA से जुड़े थे. यहां वो हर वीकेंड पर इस संस्था द्वारा आयोजित किए जाने वाले नेचर कैंप में हिस्सा लेने जाते थे. यहां वो दूसरे बच्चों के साथ कृष्णा नदी के किनारे जमा हुए कूड़े को साफ़ करते थे. इन्हीं में से एक हैं Ramaswami जी.
इन दोनों के बारे में बात करते हुए AWARA के को-फॉउंडर अजय ने कहा- ‘Ramaswami जी एक Violinist हैं जो पर्यावरण को साफ़ करने की मुहिम से जुड़े सबसे उम्रदराज शख़्स हैं. वो किसी युवा से भी अधिक फुर्ती के साथ कचरा एकत्र करते हैं. आम लोगों की तरह वो ऐसा करने में ज़रा भी संकोच नहीं करते. इतना ही नहीं वो अपने सहयोगियों को फ़िटनेस ट्रेनिंग भी देते हैं.’
इस उम्र में भी इतने सक्रीय रहने वाले Ramaswami जी ने साबित कर दिया है कि उम्र सिर्फ़ एक नंबर होती है. अगर आप कुछ करने की ठान लें, तो उम्र आड़े नहीं आती.
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