हाल ही में आई हॉरर फ़िल्म Annabelle को देख कई लोगों की रूह कांप गई है. ब्राजील में तो एक महिला इस फ़िल्म का लेट नाइट शो देखने के बाद अपने आप को ही मारने लगी थी. दुनिया में कम ही ऐसी हॉरर फ़िल्में होती हैं, जो लोगों को इस हद तक प्रभावित कर पाती हैं.
2005 में 23 साल की जर्मन लड़की की ज़िंदगी पर आधारित एक फ़िल्म आई थी – The Exorcism of Emily Rose. फ़िल्म डरावनी थी और इसने अच्छा खासा बिज़नेस भी किया था लेकिन क्या आप जानते हैं कि रियल लाइफ़ Emily की कहानी फ़िल्मी लाइफ़ से कई गुना ज़्यादा भयानक थी?

Anneliese का जन्म 1952 में एक बेहद अनुशासित कैथोलिक परिवार में हुआ था. उसके परिवार के लोग बेहद कट्टर किस्म के थे. Anneliese की बड़ी बहन मार्था की मौत केवल आठ साल की उम्र में हो गई थी. मार्था की मौत की वजह से Anneliese की मां उस पर अधिक दबाव डालने लगीं. उसे बार बार पवित्र जीवन बिताने की सलाह दी जाती थी और उस पर कड़ी नज़र भी रखी जाती है.
Anneliese को स्कूल बहुत पसंद था और वो कई विषयों में बेहद होशियार थी. वो जब 16 साल की थी तो वो एक बार स्कूल में बेहोश होकर गिर गई थी. उसके दोस्तों के मुताबिक, Anneliese कुछ मिनटों के लिए Trance स्टेट में चली गई थी. दरअसल Anneliese के घरवालों के कट्टरपंथी रवैये की वजह से उसकी मानसिक स्थिति खराब रहने लगी थी.

जिस दिन वो बेहोश हुई थी, उस रात वो अपने शरीर में एक भारी फ़ीलिंग के साथ उठी थी. Anneliese ने अगले दिन उसने स्कूल न जाने का फ़ैसला किया. हालांकि कुछ दिनों के बाद सब कुछ सामान्य हो गया.
इस घटना के एक साल बाद ऐसी ही एक घटना हुई. Anneliese को डॉक्टर के पास ले जाया गया. हालांकि डॉक्टर के साथ-साथ एक न्यूरोलॉजिस्ट का भी कहना था कि Anneliese के साथ कुछ भी समस्या नहीं है. हालांकि फ़रवरी 1970 में उसे टीबी के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया.

अस्पताल में रहने के दौरान उसके साथ तीसरी बार ऐसा हुआ. ये शायद पहला मौका था जब Anneliese के साथ चीज़ें कुछ ज़्यादा ही भयानक हो रही थी. Anneliese का दावा था कि उसे रंग दिखाई दे रहे हैं, कई तरह की आवाज़ आ रही हैं और बेहद खुशी महसूस हो रही थी. इस दौरान उसका मिर्गी का इलाज किया गया और अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. मानसिक हालात दुरुस्त न होने के बाद भी Anneliese ने स्कूल पास किया और कॉलेज के लिए कदम बढ़ा लिए. वो एक टीचर बनना चाहती थी.
लेकिन उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ रही थी.1973 में Anneliese को प्रार्थना के दौरान Hallucinations होने लगे. उसे यकीन हो चला था कि कोई शैतान उसके शरीर में घुसा हुआ है. Anneliese बेहद बेबस हालातों में थी. डॉक्टर्स उसकी किसी तरह से मदद नहीं कर पा रहे थे. थक हार कर उसे पादरियों के पास ले जाया गया लेकिन उसकी हालत बद से बदतर होती जा रही थी.

कहा जाता है कि Anneliese के हालात इतने ज़्यादा बिगड़ चुके थे कि वो फ़्लोर से उठा कर अपने ही मूत्र को पिया करती थी, कोयला और कीड़े खाने लगी थी और कई बार अपने कपड़ों को फ़ाड़ दिया करती थी.
इस दौरान Anneliese धार्मिक चीजें मसलन क्रॉस से दूर रहने लगी थी. उसकी हालत देखते हुए आखिरकार चर्च ने उस पर भूत भगाने की प्रक्रिया को अंजाम देने का फ़ैसला किया. चर्च के दो पादरियों पर इस लड़की को ठीक करने का ज़िम्मा सौंपा गया. उन्होंने Anneliese पर एक सीक्रेट प्रक्रिया को अंजाम देना शुरू किया. पादरियों के कहने पर उसने सभी दवाइयां लेनी बंद कर दी थी.

अगले दस महीनों में Anneliese पर भूत भगाने के 67 सेशन हुए. ये सभी सेशन कम से कम एक घंटे के थे. इस दौरान पादरियों ने पाया कि Anneliese के शरीर में कम से कम 6 बुरी आत्माएं मौजूद थीं और सभी एक से बढ़कर खतरनाक थी.

भूत भगाने की इस प्रक्रिया के दौरान Anneliese ने खाना छोड़ दिया था और वो बेहद कमज़ोर होती जा रही थी. लेकिन इस हालत में भी उसे कई बार चेन से बांधा जाता था क्योंकि उसके शऱीर में मौजूद शैतानों को ये पादरी निकालने की कोशिश कर रहे थे.

Anneliese की मौत 1976 में हुई तो उनकी ऑटोप्सी में सामने आया कि उनके दांतों में फ़्रैक्चर था, आंखें काली पड़ चुकी थी और शरीर के कई अंगों पर चोट के निशान थे. मिर्गी के इलाज के 6 सालों बाद Anna की मौत हो गई. पादरियों और Anneliese के परिवार का मानना था कि उसकी आत्मा को मुक्ति मिल चुकी है. हालांकि इन दोनों पादरियों और Anna के माता-पिता को उसकी मौत का ज़िम्मेवार माना गया और इन सभी को जेल की हवा खानी पड़ी.