क्रिसमस पर बच्चों को तोहफ़े और मिठाईयां बांटने वाले सैंटा की कहानी सच साबित हो गई है. शोधार्थियों का कहना है कि उन्हें St.Nicholas (सैंटा क्लॉज़ का असल नाम) की कब्र मिल गई है. तुर्की के Antalya स्थित St.Nicholas Church के स्कैन से वहां एक कब्र होने के सुबूत मिले हैं. ये खोज Ground-Penetrating Radar से की गई. यहां के लोगों का भी मानना है कि St.Nicholas का जन्म Demre (पूर्व नाम Myra) नामक Town में हुआ था और उन्हें यहीं दफ़नाया गया था.


Antalya Monument Authority के Cemil Karabayram का कहना है,
‘हमें विश्वास है कि वो पवित्र स्थल सुरक्षित है. लेकिन वहां तक पहुंचना आसान नहीं है.’

11वीं शताब्दी में इस चर्च से एक व्यक्ति के शरीर को St.Nicholas का शरीर समझ कर निकाला गया था और इटली ले जाया गया था. कुछ महीनों पहले उन अवशेषों को इटली से बाहर भेजा गया.

कुछ तुर्क अफ़सरों का ये भी कहना है कि वो अवशेष St.Nicholas के नहीं थे. ये थ्योरी Hacettepe University के इतिहास विभाग के Professor Yidiz Otuken ने दी है. इस थ्योरी के बाद कब्र में सैंटा के अवशेष मिलने के आसार और ज़्यादा बढ़ गए हैं.
खुदाई का काम आसान नहीं होगा, पर पूरी दुनिया की नज़र अब इस महान खोज पर टिकी हुई है.

बचपन की कई कहानियों में से एक है सैंटा क्लॉज़ की कहानी. मम्मी-पापा हमें ये कहानी सुनाते थे कि क्रिसमस की रात सैंटा बच्चों की चॉकलेट-टॉफ़ी देने आते हैं. ज़रा बड़े होने पर मालूम चला कि मम्मी-पापा ही तकिए के नीचे कैंडी रखा करते थे.

असल कहानी कुछ यूं है. सैंटा क्लॉज़ या St.Nicholas 343 AD से पहले तक Myra में बच्चों को तोहफ़े और मिठाईयां बांटते थे. 342 AD में उनकी मृत्यु हो गई थी. मृत्यु के बाद उन्हें Demre के चर्च में दफ़नाया गया था. जब Dutch अमेरिका पहुंचे तो अमेरिकी ने Saint Nicholas को ‘Sinterklaas’ Pronounce किया. गुज़रते वक़्त के साथ यही सैंटा क्लॉज़ बन गया.