शकरकंद पहले आया या मनुष्य? ये मुद्दा सालों से वैज्ञानिकों के लिए वाद-विवाद का विषय बना हुआ है. इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए Oxford ने इस अनसुलझी पहेली को सुलझाने का प्रयास किया है.
University of Oxford के नए शोध के मुताबिक, शकरकंद का उत्पादन मानवजाति से पहले हुआ था. यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि Sweet Potatoes (शकरकंद) दक्षिण अमेरिका में लगभग 8,00,000 साल पहले उत्पन्न हुआ था और इसके बीज हवा के ज़रिए प्रशांत महासागर तक पहुंचे थे.
यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहे स्टूडेंट Tom Carruthers कहना है कि ‘शकरकंद मनुष्यों से पहले विकसित हुए हैं. वहीं कुछ अन्य एक्सपर्ट का मानना है कि Archeological और Linguistic के पर्याप्त सबूत ऐसे हैं, जो ये बताते हैं कि 1000-1100 AD के आस-पास Polynesian Navigation शकरकंद लेने के लिए South America आते थे.
ऐसा माना जाता है कि 1492 में Christopher Columbus के सफ़र से पहले लोग महासागरों को पार करने में सक्षम थे, जो कि 19वीं शताब्दी में बहस का मुद्दा था, लेकिन क्या सच में ऐसा संभव था. वहीं Journal Current Biology में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोप से पहले प्रशांत महासागर में शकरकंद पाये गए थे.
इसके अलावा Carruthers का कहना था कि ये संभव है कि हवा के ज़रिए बीज ज़मीन में दबे रह गये हों, जिसके बाद चिड़ियों ने उन्हें समुद्र तक पहुंचा दिया हो और फिर दुनिया में शकरकंदी का जन्म हुआ. वहीं 2013 में फ़्रेंच शोधकर्ता Caroline Roullier ने कहा कि Sweet Potatoes, Tripartite Hypothesis को सपोर्ट करते हैं, जिससे ये समझा जाता है कि मानव द्वारा शकरकंदी को तीन अलग-अलग वेव में फ़ैलाया गया.
वहीं University of California के South Pacific archeology, But Pat Kirch ने Oxford की Tripartite Hypothesis स्टडी को ग़लत करार दिया है. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि Oxford की टीम प्राकृतिक वितरण साबित करने के बजाये कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं दे पाई है.
वहीं Oxford की ये रिसर्च पूरी तरह से सही है या ग़लत अभी इस बात की कोई पुष्टि नहीं हो पाई है. कमेंट में आप इस पोस्ट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं.