इराक़ी शहर मोसुल जून 2014 से इस्लामिक स्टेट के कब्ज़े में है. वहां के नागरिकों पर अब जेहादी शासन लागू है. इराक़ी सेना की तमाम कोशिशों के बाद भी ये शहर, दहशत के माहौल में ही जीता है. इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक़ एंड सीरिया (ISIS) के कब्ज़े वाले इस शहर में कट्टरपंथी कानून चलता है. सेना और आतंकियों के बीच होने वाले ख़ूनी संघर्ष में मासूम जनता मारी जाती है.

मोसुल शहर के इस ख़ूनी जंग को फ़ोटोग्राफ़र्स ने अपने कमाई का ज़रिया बना लिया है.

कुछ इसी तरह का अरमान लिए फ़ोटोग्राफ़र Kainoa Little ने भी कुछ फ़ोटोज़ खींचे थे, लेकिन उन्हें कोई ख़रीददार नहीं मिला. Kainoa ने इन फ़ोटोज़ को ऑनलाइन वेबसाइट पर पोस्ट किया जिसमें मोसुल शहर की त्रासदी दिखती है. इन फ़ोटोज़ में इराक़ी फ़ेडरल पुलिस के जवानों की तस्वीरें हैं, जो दिखाती हैं कि उनकी और आतंकियों की लड़ाई में कैसे एक शहर ख़ूनी खंडहर में तब्दील हो गया है.

गली में फंसी हुई पुलिस के पास जान बचाने के लिए फ़ायरिंग ही आख़िरी रास्ता था.

पश्चिमी मोसुल में आतंकियों से जूझता एक सिपाही

तबाह हुए थिएटर के पास खड़ा एक सिपाही 

मिशन पर जाने से पहले मशीन गन की गोलियों को समेटता हुआ सिपाही 

फ़ेडरल पुलिस को सूचना मिली थी कि थिएटर में बम है, उसके बाद मोर्चा संभालते जवान.

दीवार के उस पार आतंकियों पर फ़ायर करती पुलिस 

एक थिएटर में इस्लामिक स्टेट के आतंकी की अंधाधुंध फ़ायरिंग से निपटती पुलिस

इन हमलों के बाद थिएटर तबाह हो चुका था

हर कदम पर मौत है

आतंकियों और सैनिकों की मुठभेड़ में ये शहर बर्बाद हो गया है 

मौत के साए में हंसना आसन नहीं है 

ज़िन्दा रहना है तो फ़ायरिंग ज़रूरी है 

आतंकियों की ओर से फ़ायरिंग रुकने के बाद टहलते सिपाही

साथियों के लिए खाना पकाता एक सिपाही 

युद्ध की रणनीति तय करते ऑफ़िसर्स 

ये घर तबाह होने वाला था तभी पुलिस आ गई और घरवालों की ज़िन्दगी बच गई 

पश्चिमी मोसुल से भाग कर आये नागरिक, अगर वहां रुकते तो मारे जाते.

तोप के साए में वीरान शहर

घर छोड़ने का दर्द शायद इस लड़की की आंख में उतर आया है

तोप, गोले, बारूद और टैंकर. मोसुल शहर इन्ही से तबाह हो रहा है.

ड्रोन भेजती इराक़ी सेना 

हर कदम पर तो तबाही है कहां जाए कोई?

ये युद्ध की सबसे भयावह तस्वीर है 

अमेरिका और बर्मा के डॉक्टर भी गोलीबारी में घायल इस महिला को नहीं बचा सके 

इराक़ी सेना और ISIS की लड़ाई की वजह से  Musharrifah से भागते वहां के नागरिक

क्या मेरा बेटा बच जाएगा? इस मां ने तो यही पूछा होगा.

यहां का आसमान भी बारूद बरसाता है

मोसुल कभी आबाद शहर था. यहां के लोग ख़ुशहाल ज़िन्दगी जीते थे, लेकिन इस्लामिक चरमपंथियों ने इस शहर को खंडहर में तब्दील कर दिया. अब यहां की हवाओं में बारूद बहता है. आसमान से गोलियां बरसती हैं. यहां उड़ने वाले पंछियों की जगह, अब ड्रोन उड़ते हैं जो किस पल फट जाएं कहा नहीं जा सकता. 

आतंकियों के चंगुल में जकड़े इस शहर में शांति कब तक बहाल होगी, यहां से भाग कर गए शरणार्थी कब वापस अपने घरों में आ सकेंगे ये उतना ही अनिश्चित है जितना कि इराक़ का इस्लामिक स्टेट के चंगुल से मुक्त होना.

तबाही का खेल सेना भी खेल रही है और इस्लामिक स्टेट भी. उम्मीद करते हैं ये लड़ाई थम जाए और वहां भी शांति बहाल हो. 

इस गृह युद्ध में घायल लोग किस तरह तड़प रहे हैं, आप इस वीडियो में देख सकते हैं.