पिछले कुछ सालों से ठंडी, गर्मी और बारिश के मौसम में कई बदलाव देखे गये, जिसकी वजह क्लाइमेट चेंज को बताया गया. अगर ऐसा ही चलता रहा, तो दुनिया एक दिन बर्बादी की कगार पर दिखाई देगी. वहीं अगर इस समस्या से निकलना है, तो हमें इसके लिये आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) यानि कृत्रिम बुद्धिमत्ता की मदद लेनी पड़ेगी.  

क्या होती है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और कैसे काम कर करती है?


आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का मतलब होता है बनावटी तरीके से तैयार की गई बौदि्धक क्षमता. AI के जरिये कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम बनाया जाता है. ये ठीक उन्हीं तरीकों से चलने का प्रयास करता है, जिनके आधार पर इंसानी मस्तिष्क कार्य करते हैं.  

आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की मदद से दुनिया को ऐसा किया जा सकता है सुरक्षित: 

1. बेहतर बिजली व्यवस्था 

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग से बिजली के उत्पादन और उसकी मांग का पहले से अंदाज़ा लगता है. इससे हम ऊर्जा संसाधनों को पहले से ही एकीकृत कर, गंदगी को कम कर सकते हैं.  

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2. कृषि और वनों की कटाई की निगरानी 

AI की मदद से हम दुनियाभर के वनों और उसी कटाई पर नज़र रख सकते हैं, जिससे पर्यावरण का सरंक्षण करने में मदद मिलेगी.  

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3. Low-Carbon Materials को विकसित करना 

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग से अधिक से अधिक Low-Carbon Materials का विकास किया जा सकता है, जो कि पर्यावरण के लिये काफ़ी अच्छी चीज़ है.  

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4. मौसम की भविष्यवाणी  

AI मौसम की सही जानकारी दे कर लोगों को सजग करने का कार्य करता है, ताकि लोग सही समय पर अपनी जान बचा सकें.  

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5. परिवहन को शुद्ध करना 

आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की मदद से परिवहन को परिष्कृत (Refine) कर पर्यावरण को बचाया जा सकता है. 

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6. इमारतों की ऊर्जा की बर्बादी को कम करना 

Commercial Structures की वजह से काफ़ी ऊर्जा बर्बाद होती है और AI हमें क्लाइमेट कंट्रोल करने में मदद कर सकता है.  

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7. कृत्रिम बादल  

आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस सूर्य की गर्मी को कम करने के लिये कृत्रिम बादलों के निर्माण में सहायक है.  

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8. कार्बन-कम करने वाले उपकरण 

वैज्ञानिकों का कहना है कि AI पर्सनल लेवल पर Carbon Footprint कम करने में फ़ायदेमंद है. 

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अगर आज क्लाइमेट चेंज के लिये कुछ नहीं किया गया, तो कल बहुत देर हो जायेगी. 

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