सपनों की दुनिया जितनी दिलचस्प होती है, उतनी ही अजीब भी. कभी-कभी कितनी भी कोशिश कर लो, सपने याद नहीं आते और कभी-कभी हम सपनों को भूल नहीं पाते.

वत्सल कटारिया ने अपने सपनों की दुनिया को हक़ीक़त की दुशाला ओढ़ाने की सोची. उन्हें इसमें पूरे दो महीने लग गए. सपनों को हक़ीक़त बनाना आसान नहीं था.

इन्हें बनाने में वत्सल ने Basic Materials का ही इस्तेमाल किया है.

आप भी देखिये और खो जाइए किसी और के सपनों की दुनिया में-

1) आख़िर ज़िन्दगी के उस पार क्या है?

2) इसे बनाना जितना आसान लग रहा है उतना है नहीं.

3) घुप अंधेरे में रौशनी की एक किरण ही काफ़ी है जीने के लिए.

4) पर्दे के पीछे का मंज़र भी देख लीजिए.

5) सपनों में कई बार हमें कुछ ऐसा दिखता है, जिसे हम समझ नहीं पाते, पर वो हमारे ज़हन में रहता है.

6) और असलियत कुछ ऐसी है.

7) वो इक अजनबी है, जो हर रोज़ ख़्वाबों में आता है.

8) अरे यार, फिर से सपना टूट गया.

9) कभी-कभी सपना क्या है और हक़ीक़त क्या, ये समझना मुश्किल हो जाता है.

10) भूत, भविष्य सब अपने हाथ में है.

11) जो भी है, उस दिव्य शक्ति के कारण है.

जो भी है. सपने तो सपने ही हैं, है ना?  

Source: Bored Panda