किसी भी आदमी के लिए सबसे बुरा होता है, अपने परिवार को अपनी आंखों के सामने तड़पते हुए देखना. बांग्लादेश के एक बिज़नसमैन ने ऑथोरिटी से कुछ ऐसा करने की परमिशन मांगी है, जिसे सुन कर आपका दिल बैठ जाएगा. इस आदमी के दो बेटे और एक पोता इतने बीमार हैं कि उनके इलाज़ में Tofazzal Hossain नाम का ये व्यापारी कंगाल हो गया. ये तीनों लोग Muscular Dystrophy नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं. उनकी बीमारी इस स्तर तक पहुंच गयी, जिसका अब इलाज भी नहीं हो सकता. इसलिए Tofazzal ने सरकारी विभाग में याचिका दायर की है, जिसमें उसने अपने परिवार के तीनों बीमार सदस्यों को मारने की परमिशन मांगी है.

उसने सरकारी महकमों से मदद की गुहार लगाई है कि महकमा उसे फण्ड दे, जिससे कुछ दवाइयों से वो अपने तीनों चाहने वालों को मौत की नींद में सुला दे. पर इसके इस कदम से समाज में बवाल मच गया है, Mercy Killing को समाज में अभी भी हत्या माना जाता है.

मैंने उनका इलाज बांग्लादेश और भारत के बड़े-बड़े हॉस्पिटल्स में करवाया. इलाज के खर्चे के लिए मुझे अपनी दुकान तक बेचना पड़ी. अब मैं बिलकुल कंगाल हो गया हूं. मेरे पास इनके इलाज के लिए पैसे ही नहीं बचे. सरकार को जल्द ही कोई फ़ैसला लेना होगा, क्योंकि मुझसे अब उनका दर्द नहीं देखा जाता. – Tofazzal Hossain

एशिया के गरीब देशों में शुमार बांग्लादेश में स्वास्थ्य के प्रति लोग बहुत लापरवाह हैं. सरकार भी स्वास्थ्य समस्याओं और योजनाओं के प्रति ज़्यादा सजग नज़र नहीं आती. आंकड़ों से पता चलता है कि करीब 6 लाख बंगलादेशी ऐसी बीमारियों से जूझ रहे हैं, जिसका इलाज मुमकिन नहीं. Hossain के बच्चे 24 और 13 साल के हैं और एक पोता 8 साल का है. इस बीमारी में शरीर की मांसपेशियां अपने आप डीजेनेरेट होना शुरू हो जाती हैं. उनके बेटों की हालत इतनी ख़राब है कि वो बिस्तर से उठ नहीं पाते, पर पोता उठ कर वाशरूम जा पाता है, लेकिन दिन-प्रतिदिन उसकी भी हालत बिगड़ती जा रही है.

Hossain ने अपने बच्चों को उस याचिका के बारे में भी बता दिया, पर उन लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. शायद उन्हें स्थिति की दुर्दशा के बारे में नहीं पता. कई डॉक्टर्स ने भी Hossain के इस फ़ैसले पर लोगों से सहयोग देने की अपील की है. धर्म से जुड़े नियमों के कारण इच्छा मृत्यु को भी मुस्लिम बाहुल्य इस धरती पर आत्महत्या ही माना जाता है. इसलिए सरकार इस पर विचार करने में लगी है.

Source: DailyMail