सफ़लता की सीढ़ी चढ़ने के बाद हमें उन लोगों को कभी नहीं भूलना चाहिए जिन्होंने इस मंज़िल को हासिल करने में हमारी किसी न किसी रूप में मदद की थी. इसकी मिसाल पेश की है एक बैंक के सीईओ ने, जिसने अपने टीचर को 30 लाख रुपये के शेयर तोहफ़े में दिए हैं. ये वही टीचर हैं जिन्होंने कभी एक इंटरव्यू के लिए उन्हें 500 रुपये उधार दिए थे.
बात हो रही है IDFC First बैंक(चेन्नई) के सीईओ वी. वैद्यनाथन की. वो आज जिस मुक़ाम पर हैं उसमें उनके मैथ्स के टीचर गुरदयाल स्वरूप सैनी का बहुत बड़ा योगदान है. जब वैद्यनाथन जी पढ़ाई कर रहे थे तब उन्होंने इंज़ीनियरिंग का एंट्रेंस एग्ज़ाम दिया था.

मेसरा के बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के लिए दिए गए इस एग्ज़ाम को उन्होंने क्वालिफ़ाई कर लिया था. लेकिन तब उनकी आर्थिक स्थिति कुछ ठीक नहीं थी. उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वो इंस्टिट्यूट जाकर इंटरव्यू दे सकें. तब उनके टीचर गुरदयाल जी ने उनकी मदद की थी और वहां जाने के लिए 500 रुपये दिए थे.

वैद्यनाथन ने वहां जाकर इंटरव्यू दिया और उन्हें सेलेक्ट भी कर लिया गया. इसके बाद उन्होंने मन लगाकर पढ़ाई की और कोर्स भी पूरा किया. इसी के दम पर उन्होंने नौकरी हासिल की और वो आज बैंक के सीईओ बन गए हैं. इस बीच उनके टीचर गुरदयाल का ट्रांसफ़र कहीं और हो गया और वो वैद्यनाथन जी के संपर्क में नहीं रहे.

इसी साल उन्हें पता चला कि गुरदयाल जी आगरा में रह रहे हैं. तब उन्होंने 30 लाख रुपये के शेयर उन्हें गिफ़्ट कर उनका शुक्रिया अदा किया. गुरू शिष्य की ये भावुक कर देने वाली कहानी वैद्यनाथन के किसी साथी कर्मचारी ने सोशल मीडिया पर शेयर की है.
इसका पता उन्हें वैद्यनाथन जी द्वारा बैंक को सेंड किए गए लेटर से पता चला. इसमें उन्होंने बैंक में अपने 1 लाख इक्विटी शेयर अपने पूर्व शिक्षक को गिफ़्ट करने की बात कही है. सोशल मीडिया पर लोग वैद्यनाथन के इस कदम की जमकर तारीफ़ कर रहे हैं. आप भी देखिए:






वैद्यनाथन जी के इस कदम की जितनी तारीफ़ की जाए कम है. ये हमें इस बात की भी याद दिलाता है कि हमारी सफ़लता में एक टीचर का बहुत बड़ा योगदान होता जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता.