किसी भी देश के नेता उसकी जनता की Choice, उसकी सोच रिप्रिज़ेंट करते हैं. अफ़सोस, ऐसा हम भारतीय नेताओं के बारे में नहीं कह सकते. कारण बहुत से हैं, जिनमें रेप, संस्कृति-सभ्यता और महिलाओं पर की गई उनकी टिप्पणियां हैं. किसी एक पार्टी विशेष ने नहीं, लगभग हर पार्टी के नेताअों ने रेप और महिलाओं को लेकर कुछ ऐसे बयान दिए हैं, जिससे ये साबित होता है की रेप जैसे संवेदनशील मुद्दे को लेकर वो इतने संवेदनशील नहीं हैं.
ये रहे कुछ ऐसे विवादित बयान, जो हमारे बड़े नेताओं के मुख-मंडल से निकले हैं:
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एक नेता समाज का ही हिस्सा होता है, इसलिए ये कह कर हम इस बात से पल्ला नहीं झाड़ सकते की वो ग़लत हैं. ग़लती समाज में भी है और यही नेताओं की बयानों में झलकती है. उनके बयान काफ़ी हैं ये बताने के लिए कि एक समाज के रूप में हमें कितने बदलावों की ज़रूरत है, और सबसे पहले सोच में बदलाव की.