लंदन के रहने वाले अमित पटेल की आंखों की रौशनी एक हादसे के बाद चली गई. करीब 3 ऑपरेशन के बाद भी डॉक्टर्स उनकी आंखे वापस न ला सके. उन्होंने अपने सहारे के लिए एक कुत्ते को पाला. जो उन्हें रास्ता बताने में मदद करता था. इसकी वजह से उनकी ज़िंदगी आसान तो हुई, लेकिन आंखों से न देख पाने के कारण उन्हें अभी भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.
37 साल के अमित बताते हैं कि सड़क पर चलते हुए, उन्हें कई बार फब्बतियां सुनने को मिलती थीं, कई लोग उनके कुत्ते को लात मार कर अपने लिए जगह बनाते, तो कई अपने बैग या छाते से उसे किनारे कर देते.
इन सब को पूरी तरह से जांचने के लिए उन्होंने अपने कुत्ते की पीठ पर एक कैमरा लगा दिया. इस कैमरे की मदद से वो उन सब चीज़ों को कैप्चर कर सकते थे, जो उनका कुत्ता रास्ते में सहता है. एक दिन में ही जो रिकॉर्ड हुआ वो हैरान कर देने वाला है.
लोग अमित के पीछे कई तरह की बातें करते हैं. उन्हें कई बार कुछ ऐेसा कहा जाता है, जिससे अमित को काफ़ी बुरा लगता है. और ये सब वो लोग करते हैं, जिन्हें पढ़ा लिखा और सभ्य समाज कहा जाता है.
अमित बताते हैं कि उनका कुत्ता कई बार सीढियों पर नहीं चढ़ना चाहता, इसका कारण सिर्फ़ इतना है कि लोग उसे आगे निकलने के चक्कर में कई बार चोटिल कर जाते हैं. इससे उन्हें काफ़ी बुरा भी लगता है.
आखिर समाज के इस रवैये का कारण क्या है? अंधा कौन है? और सबसे बड़ा सवाल कि क्या इंसानियत सिर्फ़ किताबों के पन्नों में बंद हो कर रह गई है? इसका जवाब तलाशने की ज़रूरत नहीं, बस खुद से इन्हें पूछ लें. सब कुछ वहीं ठीक हो जाएगा.