सीरिया के मोसुल में इस वक़्त आतंक का पर्याय बन चुके आतंकी संगठन, ISIS का कब्ज़ा है. इनके खिलाफ़ लड़ रही इराक़ी सेना इस शहर को इनके कब्ज़े से छुड़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और इसमें धीरे-धीरे कामयाब भी हो रही है.

हाल ही में ISIS के खिलाफ़ चलाये एक कैंपेन में इराकी सेना ISIS के एक कैंप से उसे खदेड़ने में कामयाब रही. इस जगह पर जब इराकी सेना पहुंची, तो वहां बिछी मासूम बच्चों की लाशें देख कर उनका दिल टूट गया.

इस जगह पर रोड से थोड़ी दूरी पर कब्र-सी बनायी गयी थी और वहां पड़े थे कंबलों में लिपटे बच्चों के शव.

अपने धर्म का परचम दुनिया भर में लहराने और दुनिया को ‘सबक’ सिखाने’ वाले ISIS के बेगैरत लोगों से इन बच्चों का क्या बैर था, जो उन्होंने इन्हें मौत के घाट उतार दिया? इन बच्चों के साथ कई और लोगों की भी लाशें पड़ी हुई थी. ये शायद वो लोग रहे होंगे, जो अपनी जान बचाने के लिए यहां से भाग रहे होंगे. ISIS अपने कब्ज़े वाले क्षेत्र में उन लोगों को भी नहीं छोड़ रहा, जो वहां से अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे हैं.

इन सभी हृदयविदारक तस्वीरों में एक तस्वीर इस सिपाही की है, जो इन बच्चों को देख कर अन्दर से टूट गया. ये दृश्य देख कर कोई भी इंसान टूट सकता है. सोच कर ही दिल कांप जाता है, कि दुर्गम से दुर्गम परिस्थितियों में काम करने वाला एक सैनिक जब इस तरह से टूट सकता है, तो वहां हालात कैसे होंगे, इसका हम अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते.

सबसे दुखद बात ये है कि ISIS और बाक़ी फ़ोर्सेस के बीच चल रहे इस संघर्ष में वो लोग मारे जा रहे हैं, जिनका कोई कुसूर नहीं है. ये लोग किसी के दुश्मन नहीं हैं, ये बस अपने परिवार के साथ चैन की ज़िंदगी बिताना चाहते हैं. लेकिन इन्हें ये भी मय्यसर नहीं.

ऐसा कौन सा धर्म है, जो इंसानियत को मार कर, लाखों लोगों को बेघर-बेसहारा कर, कई बच्चों का क़त्ल करने के बाद स्थापित होगा?