हमारे देश में भले ही अलग-अलग धर्म के लोग हों, लेकिन उन्हें एक-दूजे के साथ मिल कर रहना भलिभांति आता है. हमारे समाज से समय-समय पर कौमी एकता के उदाहरण अकसर सुर्खियों में छाए रहते हैं. ऐसा ही एक उदाहरण इंदौर से आया है. यहां एक मुस्लिम परिवार में जन्माष्टमी के दिन जन्मे बच्चे का नाम कृष्ण भगवान के नाम पर रखा गया है.

धार्मिक सौहार्द की ये मिसाल पेश की है इंदौर के अज़ीज ख़ान ने. उनके यहां साल 2008 में जन्माष्टमी के दिन एक बच्चे ने जन्म लिया था. उन्होंने जन्माष्टमी के पावन त्यौहार पर जन्मे अपने बच्चे का नाम कृष्णा ख़ान रखा है.

indusscrolls

दरअसल, अज़ीज ख़ान के दो बेटियां थीं. उन्होंने बेटे के लिए कई मंदिर और मस्ज़िदों में दुआ मांगी थी. साल 2008 में जन्माष्टमी के दिन उनके घर एक बेटे ने जन्म लिया. तब जन्माष्टमी के मौक़े को देखते हुए उन्होंने बच्चे का नाम कृष्णा ख़ान रख दिया.

ideal

उनके इस कदम का उनकी मां ने बहुत विरोध किया था. उनका कहना था कि एक मुस्लिम बच्चे का नाम कृष्णा नहीं हो सकता. इससे बाद में काफ़ी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. कुछ और लोगों ने भी ऐसा ही कहा था. तब अज़ीज साहब ने सबसे ये कहा था कि एक पिता को उसके बच्चे का नाम चुनने का पूरा अधिकार होता है.

wokejournal

उनका ये फ़ैसला सही निकला. आज 12 साल हो गए हैं उनके बेटे के नाम को लेकर किसी को कोई परेशानी नहीं है. न ही बच्चे को स्कूल आदि में किसी तरह की कोई दिक्कत का सामना करना पड़ा. उल्टा अज़ीज साहब के इस फ़ैसले की लोग तारीफ़ करते हैं और उन्हें कौमी एकता की मिसाल बताते हैं. वो हर साल जन्माष्टमी को अपने बेटे का जन्मदिन मनाते हैं.

Life से जुड़े दूसरे आर्टिकल पढ़ें ScoopWhoop हिंदी पर.