कहते हैं कि लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. कुछ ऐसे ही हैं रांची के ऋषि. कैंसर पीड़ित इस छात्र ने वो कारनामा कर दिखाया, जिसके बाद हर कोई इन्हें सलाम करने में हिचक नहीं रहा.

इस बार आए 12वीं के रिज़ल्ट में ऋषि ने 95 प्रतिशत नम्बर प्राप्त किये हैं. लेकिन ये नम्बर जिस परिस्थिति में आए हैं वो काबिले तारीफ़ है. साल 2014 में 10वीं की परीक्षा के दौरान ऋषि को हड्डियों का कैंसर हो गया था. इस कारण वो अपनी परिक्षा नहीं दे पाए थे. इलाज़ के दौरान उन्होंने 2015 में अपनी बोर्ड की परीक्षा दी और पास हुए.

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ऋषि की हालत का पता इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें हर तीसरे महीने दिल्ली के एम्स में इलाज़ के लिए आना पड़ता है. ऐसे में उनकी पढ़ाई पर भी गहरा असर पड़ता था. लेकिन इन सब परेशानियों के बीच ऋषि ने कभी भी पढ़ाई को नहीं छोड़ा.

इतना ही नहीं, ऋषि ने अपने इस स्ट्रगल को शब्दों में भी उतारा है. उन्होंने ‘Patient-Patient’ नाम की एक किताब भी लिखी है, जो ऑनलाइन वेबसाइट पर काफ़ी बिक रही है.

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ऋषि को अभी वक़्त लगेगा पूरी तरह से इस बीमारी से उबरने में. लेकिन अपनी इस परेशानी के बावजूद ऋषि ने अपने सपनों का पीछा करना नहीं छोड़ा और आज उनके नम्बर उनकी जीत की कहानी बयां कर रहे हैं.