देशभर में मौसम अलग-अलग ढंग से कहर बरसा रहा है. दिल्ली और आस-पास के इलाकों में जहां गर्मी और उमस से बुरा हाल है, वहीं मुंबई बाढ़ से जूझ रही है.
जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, वैसे ही इंटरनेट और सोशल मीडिया के भी कुछ फ़ायदे और नुकसान हैं. जहां एक तरफ़ सोशल मीडिया के पर शेयर की गई फ़ेक न्यूज़ से नफ़रत फैलती, वहीं इसके द्वारा कई बार बहुत से लोगों की मदद भी होती है.
बुधवार को महाराष्ट्र के मानिकपुर में एक पिता ने ट्वीट कर बाढ़ में फंसे होने और उनकी बच्ची की तबियत बिगड़ने की सूचना दी.
We are stranded in Sun city, Vasai west area with heavy water logging and my daughter is in serious condition vomiting since morning. We have no means to move out for doctor. need immediate Doctor’s support. @CMOMaharashtra @Dev_Fadnavis @JPNadda @poonam_mahajan @MrsGandhi
— Sharad (@nandomatic) July 11, 2018
मीडिया से जुड़े शरद ने तकरीबन 11 बजे ट्विट कर बताया कि उनकी बेटी को सुबह से उल्टियां हो रही हैं और बाढ़ में फंसे होने के कारण वो डॉक्टर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.

Indian Express के अनुसार पुलिस कन्ट्रोल रुम ने कॉन्सटेबल संतोष गिते को उस परिवार की मदद के लिए भेजा.
मानीकपुर पुलिस स्टेशन के एक ऑफ़िसर ने बताया,
कॉन्सटेबल के वहां पहुंचते-पहुंचते कुछ घंटे बीत चुके थे.
कॉन्सटेबल संतोष ने Indian Express को बताया,
मुझे सन सिटी के आइरिश बिल्डिंग जा कर कुछ लोगों की मदद करने को कहा गया. जब मैं वहां पहुंचा तो बिल्डिंग के बाहर ही कमर तक पानी भरा था. मैंने कुछ सोचा नहीं और अंदर चला गया और तीसरी मंज़िल तक पहुंच गया.

कॉन्सटेबल संतोष, शरद के घर पहुंचे और उस बच्ची को कंबल में लपेटकर बाहर ले आए. बच्ची, चेतना को पुलिस की गाड़ी में ले जाकर एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
संतोष ने कहा,
मैंने सोचा कि वो मेरी ही बच्ची है. मेरी बेटी होती तो मैं ऐसा ही करता.

संतोष और मुंबई पुलिस के कई कॉन्सटेबल, अफ़सर लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं. बच्ची की हालत धीरे-धीरे ठीक हो रही है.
इंटरनेट की फ़ेक न्यूज़ से भरी दुनिया में ऐसी ख़बरें ही इंसानियत में विश्वास कायम रखती हैं.