हाल ही में बंगाल की एक बेटी रस्मों को तोड़ कर ये कहते हुए विदा हुई कि ‘माता-पिता का ऋण कभी नहीं उतारा जा सकता’. नवविवाहित का ये वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब शेयर किया गया और चारों ओर उसकी प्रशंसा भी हुई. एक बार फिर से कोलकाता की एक शादी रीति-रिवाजों को लेकर सुर्ख़ियों में है, लेकिन इस बार बात दुल्हन की नहीं, बल्कि उसके पिता की हो रही है.
अब सोशल मीडिया पर शेयर हो रही शादी की इस तस्वीर पर नज़र डालिये.
आम शादी की तरह इस शादी के रस्म-रिवाज पुरुष पंडित नहीं, बल्कि महिला पंडित द्वारा निभाए जा रहे हैं. इस दौरान शादी में एक ट्विस्ट आता है और दुल्हन के पिता बेटी का कन्यादान करने से इंकार कर देते हैं. हांलाकि, उनके ऐसा करने की वजह भी काफ़ी ख़ूबसूरत है. दरअसल, उनका कहना था कि बेटी कोई प्रॉपर्टी नहीं है, जो उसे किसी को दे दिया जाए.
बस फिर क्या, ट्विटर के महारथियों की प्रतिक्रियाएं देखिए:
Great.
— BHAVESH AMBEKAR (@bhavesh_ambekar) February 5, 2019
Very comon in maharashtra.
Even i have seen non brahamins conducting marriages/poojas in maharshtra.
Even in marriage card , almost in all marriage cards mothers name come first.
Also i guess, MH is 1st state to add mothers name on school certificate/documents..
Nice..😍
— Kumar Ankush (@ankushthebest10) February 4, 2019
In my family, we have two family Priest, one is Dalit n another one is Yadav(my caste). All things from marriage to death, rituals are performed by them.
My family has leave all kinda evils like dowry, unequal status e.t.c……4 generation ago, 👍
Nice..😍
— Kumar Ankush (@ankushthebest10) February 4, 2019
In my family, we have two family Priest, one is Dalit n another one is Yadav(my caste). All things from marriage to death, rituals are performed by them.
My family has leave all kinda evils like dowry, unequal status e.t.c……4 generation ago, 👍
Appreciate…. however Sanatana Dharma doesn’t billitle females.
— George_Costanza🇮🇳 (@randurandhar) February 5, 2019
Base of this Dharma is Advaitwad. Those who understands this will never doubt Sanatana Dharma. Feeling of superiority / inferiority is mere because of lack to knowledge about the levels of Sanatana teaching.
लड़की के पिता की इस फ़ैसले की ख़ूब तारीफ़ हो रही हैं. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, इस तस्वीर को अस्मिता घोष ने शेयर किया था और दो महिला पंडितों में से एक की पहचान कोलकाता की पुजारी नंदिनी भौमिक के रूप में की गई है.
सच में अगर ऐसे ही हम अपनी सोच में बदलाव लाते रहे न, तो इस देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता.