इंसान को अच्छा और आकर्षक दिखने के लिए अच्छे कपड़ों की ज़रूरत होती है. लेकिन कपड़ों के नीचे पहने जाने वाले अंतर्वस्त्रों का भी आपको आकर्षक बनाने में काफ़ी रोल होता है. हम लोग इनको कई नामों से जानते हैं, जैसे चड्डी, अंडरवियर और न जाने क्या-क्या. ऐसा माना जाता था कि इसकी शुरुआत हुई थी ‘लंगोटी’ से. ये चमड़े का बना हुआ एक पट्टा होता था, जिसे टांगों से निकाल कर पीछे बांध दिया जाता था. इसके 7 हज़ार साल पुराने अवशेष पाए गए हैं. इसको लोग इसलिए पहनते थे कि किसी जंगली बैल का पीछा करने पर भागने में कोई परेशानी ना हो.

रोम के आदमी और औरत एक विशेष प्रकार की लंगोटी पहना करते थे, जिसे Subligaculum कहते थे. इसको दूसरी तरह से भी बनाया जाता था और वो अपेक्षाकृत काफी आसान था. इस लंगोटी में एक बेल्ट होती थी, जिसमें कपड़े के टुकड़े इंसानी शरीर को आगे और पीछे से ढक लेते थे. इसके बाद बनने वाली लंगोटियों को इस तरह से बनाया जाने लगा कि इंसान के नितम्ब ढक जाएं. बहुत से लोग इसको इसको कुर्ते के नीचे पहनते थे, पर योद्धा सिर्फ़ ये Subligaculum ही पहना करते थे.

तेरहवीं शताब्दी में ढके हुए और ढीले अंडरवियर का चलन आया. पर जिस तरह के कपड़ों से इन्हें बनाया जाता था, वो आरामदायक नहीं थे, जिस कारण इससे खुजली और कई तरह की समस्याएं होने लगी.

पुनर्जागरण काल के बाद से लोग टाइट कपड़े पहनने लगे. ये पहले से अपेक्षाकृत छोटे बनने लगे और इसमें पेशाब करने के लिए सुविधाजनक Flap दिया गया था.

इसके बाद एक विशेष तरह के अंडरवियर बाज़ार में आने लगे. ये सूती होते थे और देखने में आरामदायक प्रतीत होते थे. इनमें से सबसे ज़्यादा पसंद किये जाने वाले अंडरवियर वो थे, जिनकी लम्बाई घुटनों तक होती थी. जल्द ही इनका ये रूप भी बदल गया और अब ये थोड़े छोटे हो गये थे. साथ ही इनकी फिटिंग पहले से ज़्यादा बेहतर कर दी गयी थी. चूंकि उन्हें एक बॉक्सर John L. Sullivan ने 19वीं सदी में रिंग में सबसे पहले पहना था, इसलिए इसे बॉक्सर कहा जाने लगा.

औद्योगिक क्रांति के बाद साइकिल के अविष्कार ने इन नए अंडरवियर Jockstrap को जन्म दिया. बहुत सारे देश इसके आविष्कार पर अपना हक़ जताते हैं. पर सच्चाई ये है कि 1874 में Chicago की एक Company ‘Sharp & Smith’ ने साइकिल चलाते वक़्त सुरक्षा के लिए एक अंडरवियर बनाया. ये एक एथलीट के लिए खास मांग पर तैयार किया गया था.

अंडरवियर में हार्ड कैप सपोर्ट जैसी सुविधा देने वाली पहली कंपनी ‘Guelph Elastic Hosiery’ थी, जो एक Canadian कंपनी थी. इसके संस्थापक Joe Cartledge के बेटे Jack ने सबसे पहले ये डिज़ाइन तैयार किया था. फिर 1927 में इस पर अपना पेटेंट भी दाखिल करवा दिया था. दिलचस्प बात तो ये थी कि इसका पहला पीस 1900 में बेचा गया था, पर उससे ग्राहकों की कई समस्याएं सामने आयीं, जिनमें नामर्दी, किडनी खराब होने की और इन्सोमनिया की शिकायत सबसे ज़्यादा थी.

1935 में पहला Y-Front Jockey Pant बनाया गया था. फिर बनाने वाले ने अपने दोस्तों के कहने पर इसे शिकागो में बेचने का फैसला किया. वहां Arthur Kneibler नाम के एक ‘Apparel Engineer’ की डिज़ाइन की सेल लगी हुई थी. फिर क्या था, चल निकला Jockey.

और इस तरह से मिला दुनिया भर के मर्दों को अंडरवियर का साथ. समय के साथ इसके कई और मॉडल बाज़ार में आते गए और हम इन्हें अपनाते गए. आपको ये जान कर बहुत हैरानी होगी कि आज के समय पुरुषों के अंडरवियर का बाज़ार प्रतिवर्ष कुल 500 करोड़ रुपयों का व्यापार करता है. खैर, हमें क्या मतलब 500 करोड़ से, हमारे यहां जब तक चड्डी में 100 से ज़्यादा छेद ना दिखने लगे तब तक लोग बदलते नहीं. उतने पर भी इसे फेंका नहीं जाता, बल्कि पोंछा लगाने के काम में लाया जाता है.