सिखों की वीरता और दिलेरी के क़िस्से हम सुनते आए हैं. चाहे वो सारागढ़ी का युद्ध हो जब 21 सिख सिपाहियों ने 10 हज़ार अफ़गानों का सामना किया. चाहे वो सारागढ़ी का युद्ध हो या फिर विश्व युद्ध में अंग्रेज़ सेना की तरफ़ से कमान संभालने की बात हो.
आज भी दुनिया के किसी भी कोने में आपदा आए, सिख वहां मदद करने ज़रूर पहुंचते हैं.
प्रथम विश्व युद्ध में भी सिख सिपाहियों ने अपनी वीरता दिखाई थी.
उन सिपाहियों की बहादुरी को याद करते हुए Birmingham के निकट Smethwick में एक प्रतिमा लगाई गई है.
प्रतिमा के अनावरण से पहले परेड का आयोजन भी किया गया.
‘Lions of The Great War’ की प्रतिमा को Smethwick में गुरु नानक गुरुद्वारे के बाहर लगाया गया है.
इस समारोह में हज़ारों सिखों और अंग्रेज़ों ने हिस्सा लिया.