अकसर ऐसी ख़बरें सुनने में आती हैं कि किसी सेलेब्रिटी को किसी एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के लिए रोक दिया गया. इसके बाद काफी हंगामा भी होता है. लेकिन आम लोगों को भी सुरक्षा जांच के चलते बेहद मुश्किल हो जाती है. इसका बहुत बड़ा उदाहरण हैं अहमद अली. इनके नाम के कारण या फिर किसी और वजह से, लेकिन सुरक्षा अधिकारियों ने सिर्फ़ तीन सालों के भीतर इस इन्सान को 42 बार एयरपोर्ट पर रोका है.
इंग्लैण्ड के Derby में रहने वाले तीन बच्चों के पिता अहमद अली का कहना है कि उन्हें अब तक सबसे ज्यादा, यानि 42 बार एयरपोर्ट पर रोका गया.
40 साल के अहमद अली फ़्रांस के Bordeaux–Mérignac Airport पर 2 फरवरी को फिर से रोके गए और प्लेन बोर्ड करने की लिए खड़े 100 लोगों की कतार में से उन्हें निकालकर अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की.
अहमद अली अपने काम के सिलसिले में अकसर यात्रा करते रहते हैं. Unite 4 Humanity के लिए अपने काम और चैरिटी के चलते उन्हें अकसर सफ़र करना होता है.
वो एक बिल्डिंग डेवलपर और चैरिटी वालंटियर हैं, लेकिन पुलिस द्वारा कहा गया कि वे उनका पासपोर्ट चेक करना चाहते थे. लेकिन उन्होंने इसे नहीं चेक किया और दूसरे आईडी प्रूफ की मांग की. तब अहमद ने उन्हें अपना ड्राइविंग लाइसेंस दिखाया और तब उन्हें प्लेन बोर्ड करने को कहा गया. लेकिन फिर Ryanair ने अपने प्लेन में बोर्ड करने से उनको रोक दिया. इसके बाद उन्होंने अपनी नाराज़गी को फेसबुक पर एक लाइव वीडियो बनाकर ज़ाहिर करने की कोशिश की. जिसे 25 हज़ार से ज्यादा लोगों ने देखा.
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आख़िरकार उन्हें अगले दिन की टिकट खरीदने को मजबूर कर दिया गया और वो प्लेन नहीं बोर्ड कर सके. उनके सामने ही बाकी लोग प्लेन में जाते रहे और वो देखते रहे. वो कहते हैं कि,
‘मुझे इमिग्रेशन से कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि वे जल्दी से सब करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन Ryanair ने कह दिया कि मुझे अधिकारियों ने एक तरफ बुलाकर बात की, इसलिए अब मैं बोर्ड नहीं कर सकता. यहां तक कि उन्होंने एक वजह तक इसके पीछे नहीं बताई, क्योंकि मैं फ्रेंच में बात नहीं कर सकता. मैं इंग्लिश बोलता हूं. मैं आखिर कैसे बात करता?’
‘मुझे लगता है कि मैं एयरपोर्ट्स पर रोके जाने का आदती हो चुका हूं. लगता है कि मुझे ही आज तक सबसे ज्यादा रोका गया होगा. तीन साल से भी कम समय में मुझे 42 बार रोका गया. मैं सोचता हूं कि आखिर क्यों हमेशा मुझे ही रोका जाता है?’
खैर इसके पीछे वजह चाहे जो हो, लेकिन एक आम व्यक्ति को हमेशा इस तरह से रोका जाना कितना उचित है?