आंध्र प्रदेश के गुंटूर के Atchampet मंडल में बने एक छोटे से गांव पुतलागुडेम स्थित पहाड़ियों पर प्राचीन और रहस्यमयी बुद्ध स्थल होने के प्रमाण मिले हैं.

दरअसल, पहाड़ियों पर स्थित जीर्ण वेंकटेश्वर मंदिर के सामने सिलामंडप का क्षतिग्रस्त पिलर मिला है, जिसे भैरव गुट्टा भी कहा जाता है. क्षतिग्रस्त पिलर चूने से बना हुआ है, साथ ही इसमें ऊपर से लेकर नीचे तक कमल के चिन्ह भी नज़र आ रहे हैं.

ई. शिव रेड्डी, सुभाकर मेदसानी, विजयवाड़ा और अमरावती के सांस्कृतिक केंद्र के मुख़्य अधिकारी, विजयवाड़ा बुद्ध विहार और गोवर्धन के सचिव, Archaeologist की टीम सहित, तमाम लोगों ने मौजूदा स्थान को बुद्ध स्थल होने की बात स्वीकारी. पिलर का डिज़ाइन अमरावती मूर्तिकला के समान है.

रिसर्च टीम के सदस्य शिव नागी रेड्डी के अनुसार, ‘पिलर को देखकर लगता है कि ये पहली शताब्दी के आस-पास का है, जिस कारण इसका संबंध बौध संघ के सेलीया संप्रदाय से है.’
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दरअसल, आज से लगभग दो सदी पहले कुछ इसी तरह के पिलर का इस्तेमाल पहाड़ों पर बने वेंकटेश्वर मंदिर के द्वार की सजावट के लिए भी किया गया था, जिसे हाल ही में कुछ बदमाशों द्वारा ध्वस्त कर दिया था. पिलर के साथ-साथ बुद्ध स्थल पर शिवलिंग और नंदी भगवान की मूर्ति भी मिली है.

शिव नागी रेड्डी ने भावी पीढ़ी के लिए पुरातत्व और संग्रहालय विभाग से इस बुद्ध स्थल को संरक्षित रखने का अनुरोध किया है.