कभी-कभी कुछ इमारतों में चाहे वे पुरानी हों या नई कई गहरे राज़ छुपे होते हैं. हम चाहे इन इमारतों के पास से जितनी भी बार गुज़र जाएं, उनकी अनूठी विशेषताओं और राज़ों से अंजान रहते हैं. इन सब के बारे में जानना काफ़ी मज़ेदार होता है क्योंकि इनके पीछे होती है दिलचस्प कहानियां.
तो आइये जानते हैं दुनिया भर की शहरी वास्तुकला और उससे जुड़ी दिलचस्प कहानियों के बारे में:
1. Horse Guards Clock, London, UK
पैनी निगाह रखने वाले पर्यटकों को लंदन में हॉर्स गार्ड्स क्लॉक की टॉवर घड़ी पर एक धब्बा दिख जाता है. ये धब्बा ठीक 2 बजे के निशान के पास है. ऐसा लगता है कि इस धब्बे की वजह पत्थर की ख़राबी या फ़ंगस है, मगर ऐसा कुछ नहीं है. घड़ी पर ये काला धब्बा 30 जनवरी 1649 को दोपहर 2 बजे किंग चार्ल्स फ़र्स्ट के मारे जाने का समय है.
2. Housing Unit, Marseille, France
Marseille में 1952 में बने इस अपार्टमेंट बिल्डिंग को Le Corbusier ने डिज़ाइन किया था. ऐसी ही कई इमारतों का निर्माण पूरे फ़्रांस में होना था. जो व्यक्ति आर्किटेक्चर से अच्छे से वाकिफ़ नहीं है उसे ये साधारण सा ब्लॉक लग सकता है मगर वास्तव में ऐसा नहीं है. Le Corbusier व्यक्तिगत ज़िंदगी और सामजिक ज़िंदगी में अच्छा ताल-मेल बिठाने के लिए एक नया कांसेप्ट ले कर आये थे और उसी के आधार पर ये बिल्डिंग बनी थी.
इस सिद्धांत के मूल में था कि बिल्डिंग के निवासियों को अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बिल्डिंग से बाहर जाने की ज़रूरत नहीं होगी. उनके लिए सारी सुख-सुविधाएं जैसे कि दुकान, रेस्टोरेंट, आदि अंदर ही होंगे. इस अपार्टमेंट बिल्डिंग में एक होटल और एक स्कूल भी है. वर्तमान में आपको ये सुविधाएं हर बिल्डिंग में मिल जाएंगी.
3. Riga Central Market
रीगा, लातविया में रीगा सेंट्रल मार्केट एक बहुत ही बड़ा छत वाला बाज़ार है. ये 7.23 हेक्टेयर के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें 5 पवेलियन हैं. यही यहां का मुख़्य आकर्षण है. दरअसल ये पवेलियन जर्मन ज़ेपेलिन हैंगर हुआ करते थे जिन्हें बाद में बाज़ार में बदल दिया गया.
4. “Witch House” of Odessa, Ukraine
ओडेसा में स्थित इस इमारत को ‘द वॉल-हाउस’ और ‘द फ़्लैट हाउस’ भी कहा जाता है. इस इमारत का इतिहास समय के साथ खो गया है. एक लोकप्रिय थ्योरी के अनुसार ऐसा पैसा बचाने के लिए किया गया था. जबकि दूसरी थ्योरी के अनुसार ऐसा इमारत बनाने के लिए पर्याप्त जग़ह नहीं होने के कारण हुआ.
5. The “Ideal Palace,” Hauterives, France
ये विश्वास करना बहुत मुश्किल है कि इस इमारत का निर्माण एक व्यक्ति ने किया होगा, मगर ये सच है. Ferdinand Cheval नाम का एक डाकिया 1879 से 1912 तक (कुल मिलाकर 33 वर्ष) तक डाक पहुंचाने के दौरान फ़ुटपाथ पर से पत्थरों को चुनकर इकठ्ठा करता रहा. उसके पास न तो वास्तुकला की डिग्री थी और न ही निर्माण सामग्री के लिए पैसा, फिर भी उसने अपने बूते पर ये इमारत बना ली. कई सालों बाद Ferdinand Cheval को पहचान मिली.
6. Bahrain World Trade Center, Manama, Bahrain
2008 में बहरीन में बनी इस गगनचुंबी इमारत को अपनी प्रकृति बचाने वाली डिज़ाइन के लिए पुरस्कार मिल चुका है. ट्विन-टावरों को जोड़ने वाले पुलों में पवन चक्की लगी हुई है. नाव पर लगी पाल जैसी डिज़ाइन वाली इस इमारत को इस तरह बनाया गया है कि टर्बाइनों के पास हवा सबसे ज़्यादा स्पीड से गुज़रती है. इस गगनचुंबी इमारत की कुल ऊर्जा खपत का 15% इन्हीं पवन चक्कियों से आता है.
7. Residential block Marzahn-Hesseldorf, Berlin, Germany
बर्लिन के Marzahn जिले के निवासियों ने GDR (जर्मन डेमोक्रेटिक रिपब्लिक), जिसे ईस्ट जर्मनी के नाम से भी जाना जाता है, द्वारा छोड़े गए फ़्लैटों को फ़िर से बहाल करने के लिए कला का सहारा लिया. लोगों ने थोड़े सी क्रिएटिविटी और पेंट की मदद से इस उदासीन टाउन को फ़ैशनेबल टाउन में बदल दिया. यहां दीवारों पर सिर्फ़ म्यूरल ही म्यूरल दिखेंगे. दीवारों पर पेंट किया गया या बनाया गया कोई भी आर्ट वर्क म्यूरल कहलाता है. यहां यूरोप का सबसे बड़ा म्यूरल है. ये शहर पर्यटकों के बीच ख़ासा पॉपुलर भी है.
8. The smallest house in Paris, France
ये बिल्डिंग जो किसी गद्दे जितनी चौड़ी है, एक मोची की वर्कशॉप हुआ करती थी. आजकल ये किसी का घर है.
9. Mikael Agricola Church, Helsinki, Finland
Mikael Agricola Church 1935 में हेलसिंकी, फ़िनलैंड में बनाया गया था और इसकी ख़ासियत है इसका 100 फ़ुट लंबा स्पाइक जिसे ज़रूरत पड़ने पर हटाया जा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि युद्ध के दौरान यहां लगातार हवाई हमले होते रहते थे और सरकार नहीं चाहती थी कि ये स्पाइक हमलावरों के लिए एक रेफेरेंस पॉइंट बन जाए.
10. ‘Villa Rose,’ Vaud, Switzerland
स्विटज़रलैंड द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल नहीं हुआ लेकिन उसने सशस्त्र तटस्थता बनाए रखी. वो किसी भी समय हमले से निपटने के लिए तैयार था. उन्होंने सैन्य सरकार को चुना और ‘The Toblerone line’ बनाया, जो कंक्रीट ब्लॉक से बना एक एंटी-टैंक डिफ़ेंस लाइन थी. ‘विला रोज़’ सहित कई अन्य किले इसका हिस्सा थे.
‘विला रोज़’ सड़क से एक साधारण घर की तरह दिखता है, लेकिन अगर आप क़रीब से देखेंगे पता चलेगा कि घर में खिड़कियां अलग हैं. इनमें से कुछ खिड़कियां सिर्फ़ पेंटिंग है. 40 के दशक में इस किले में हमेशा हमले के लिए तैयार सैनिकों की एक पलटन के साथ-साथ तोपें भी होती थीं.
11. Taipei 101, Taiwan
तेज़ हवाओं के कारण गगनचुंबी इमारतों को बहुत परेशानी से दो-चार होना पड़ता है. इसके कारण बिल्डिंग अपने Axis से इधर उधर हो जाती है. इस प्रभाव को कम करने और ऐसी इमारतों को अधिक स्थिर बनाने के लिए एक विशेष Inertial Damper का इस्तेमाल किया जाता है. ये एक विशाल पेंडुलम होता है जिसे इमारत के टॉप के पास से लटकाया जाता है. ताइवान की गगनचुंबी इमारत ‘ताइपे 101’ में दुनिया का सबसे बड़ा Damper है, जो कि एक 660 टन वजनी गोला है.
12. Hundertwasserhaus, Vienna, Austria
53 अपार्टमेंट वाला ये घर वियना में Hundertwasser की परियोजना के अंतर्गत बनाया गया था. आगे से देखने पर अलग-अलग अपार्टमेंट की पहचान करना आसान है क्योंकि इनमें प्रत्येक का अपना रंग है. इस इमारत की छत पर एक चर्च का गुंबद और 19 बगीचे हैं, जिसमें पेड़ और झाड़ियां उग रही हैं.
13. Maduwanwela Walawwa, Sri Lanka
औपनिवेशिक काल में अंग्रेज़ श्रीलंका में क्षेत्रीय शासकों की नियुक्ति करते थे. Maduwanwela Maha Disawa इनमें से एक शासक थे. उन्हें अंग्रेज़ों से नफ़रत थी लेकिन वो उनके खिलाफ़ खुले तौर पर विद्रोह नहीं कर सकते थे. यही वजह रही कि उसने अपमान करने का एक तरीका निकाला.
रत्नापुरा जिले में Maha Disawa ने आदेश दिया कि उसके घर में प्रवेश द्वार पर एक आर्च बनाया जाए जो इतना नीचा हो कि आने वाले बिना सिर झुकाये न आ सकें. इसके अलावा उन्होंने महारानी विक्टोरिया के चित्र, पाउंड स्टर्लिंग साइन जैसे ब्रिटिश प्रतीकों को फ़र्श पर उकेरवाया. औपनिवेशिक अधिकारियों को शायद लगा हो कि इस तरह वो अपनी निष्ठा व्यक्त कर रहें हैं जबकि Maha Disawa की चाहत थी कि घर के निवासियों, नौकरों और आगंतुकों के पैरों तले वो प्रतीक रौंदे जाएं.
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