किसी ने ख़ूब कहा है, इंसान को जितना मिलता है, वो उससे और ज़्यादा की ख़्वाहिश करने लगता है. ये सच भी है कि इंसान की ख़्वाहिशें कभी न ख़त्म होने वाला वो समुंदर है, जो अपनी चाहत के गर्त में हर भोग की हर चीज़ समा लेना चाहता है. उतना ही ये भी सच है कि ज़िंदगी है, तो ख़्वाहिशें भी होंगी. लेकिन इन इच्छाओं को कहां पर रोकना है, हमें सीखना होगा. कार वाले को और बड़ी कार चाहिए या उसी से संतुष्टि करनी चाहिए, ये उसके हाथ में है.
ज़रूरतों को कम करने पर ही ज़ोर देती है Minimalist Style Of Living. ये रहने का वो तरीका है, जिसके तहत आज कल लोग ज़रूरत भर की चीज़ें रख, बाकी सब छोड़ रहे हैं. ये काफ़ी कठिन फ़ैसला है और हर किसी के बस की बात नहीं. इसीलिए हमने भी लोगों से पूछा लिया कि अगर उन्हें खाने-पीने, अच्छी हवा-पानी के अलावा ज़रूरत की 5 चीज़ें चुननी पड़ी, तो वो क्या करेंगे.
जो जवाब मिले, वो काफ़ी मज़ेदार थे :
1. एकदम सही चुनाव.
2. ज़िंदगी ऐसे भी चल सकती है.
3. इन्होंने तो सोच लिया, अब आपकी बारी.
4. वैसे फ़ालतू ख़र्च करके मिलेगा भी क्या?
5. मैं इनसे सहमत हूं.
6. ऐसा भी किया जा सकता है.
7. सोचो ऐसे इंसान कितना पैसा बचा सकता है.
8. हम आपके साथ हैं.
कम से कम ज़रूरतों में जीना आज हर किसी के बस की बात नहीं, लेकिन इन जवाबों ने लोगों को ये ज़रूर बता दिया होगा कि उन्हें सबसे ज़्यादा प्यारी क्या चीज़ें हैं.