गर्मी के कारण तालाबों और नदियों में पानी कम हो जाना आजकल आम बात हो गई है, इसका मुख्य कारण ग्लोबल वॉर्मिंग हो, जो दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. लेकिन कनाडा में तो ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण एक नदी ही गायब हो गई है.
जी हां, ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से कनाडा की स्लिम्स नदी गायब हो गई है. वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर गेरार्ड रो ने बताया कि स्लिम्स नदी का पानी केवल चार दिन में ही सूख गया. रिसर्चर्स ने इसे जलवायु परिवर्तन की सबसे बड़ी घटना बताया है. स्लिम्स नदी की खोज बेरिंग सागर से दूर एक वाटरशेड में की गई थी, जो प्रशांत महासागर में मिलती थी, लेकिन अब ये नदी गायब हो गई है.
शोधकर्ताओं के अनुसार, ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि ज़्यादा गर्मी के कारण Yukon के Kaskawulsh ग्लेशियर की बर्फ़ बहुत स्पीड से पिघलने लगी, जिसकी वजह से पानी का बहाव काफ़ी तेज़ हो गया. पानी के तीव्र बहाव ने सालों से बह रही स्लिम्स नदी के रास्तों से अलग अपना रास्ता बना लिया. हैरत की बात है कि वर्तमान में नई नदी स्लिम्स नदी के बहाव के विपरीत दिशा में अलास्का की खाड़ी की ओर बहती है. इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि ग्लोबल वॉर्मिंग ने कनाडा की स्लिम्स नदी के प्रवाह की दिशा ही बदल दी है.
वैज्ञानिकों के हिसाब से, इतिहास से लेकर अब तक ऐसा पहली बार हुआ है कि सदियों से एक ही दिशा में बहने वाली नहीं केवल चार दिनों में पूरी तरह से गायब हो गई.
प्राचीन इतिहास की आपने ये कहानी ज़रूर सुनी होगी कि एक नदी के बहने की दिशा पर दूसरी नदी ने अपना अधिकार जमा लिया और उसकी दिशा बदल दी. प्राचीन काल में इस परिवर्तन को नदी की चोरी भी कहा जाता था. मगर ऐतिहासिक सबूतों और मान्यताओं के हिसाब से इस पूरी प्रक्रिया में हज़ारों साल लगते हैं. इसलिए शोधकर्ताओं को हैरानी हो रही है कि Yukon के Kaskawulsh ग्लेशियर से निकली स्लिम्स नदी केवल चार दिनों में सूख गई.
इसके साथ ही शोधकर्ताओं का कहना है कि भू-वैज्ञानिक इस तरह से नदी के सूखने की वजह जलवायु परिवर्तन को ही मान रहे हैं. वाशिंगटन विश्वविद्यालय के कैनेडियन जियोमोर्फोलॉजिस्ट Dan Shugar के नेतृत्व में रिसर्चर्स की एक टीम स्लिम्स नदी की जांच करने पहुंची थी, लेकिन उन्हें यह देखकर बड़ी हैरानी हुई कि वहां अब कोई नदी थी ही नहीं. नदी का पानी गायब हो चुका था.
Journal Nature Geoscience में छपी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि जहां एक तरफ ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण हुए जलवायु परिवर्तन की वजह से स्लिम्स नदी एक पतली धारा में बदल गई. वहीं दूसरी तरफ अल्सके नदी, जहां अब कास्कवुल्श ग्लेशियर का पानी तेज़ी से पिघल कर जा रहा है, वो पहले से 60-70 गुना ज़्यादा बड़ी हो गई है. परेशानी की बात ये हैं कि एक समय था, जब ये दोनों नदियां एक समान थीं और आज इनमें से एक लगभग सूख चुकी है.
अगर ग्लोबल वॉर्मिंग के भयानक परिणामों के प्रति अभी भी हम जागरूक नहीं हुए, तो आने वाले समय में होने वाली प्राकृतिक आपदाओं से हमें कोई बचा नहीं सकता.