अगर आप किसी प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं, तो आपको वहां कई अलग-अलग तरह के नियम और क़ानून फ़ॉलो करने होते होंगे. इसके अलावा कुछ ऐसे भी नियम होते हैं, जो सीनियर्स और बॉस ख़ुद ही बना देते हैं, जैसे टाइम से पहले ऑफ़िस आना और देर तक रुक कर काम करना. वैसे अगर आप टाइम से पहले अपना काम ख़त्म करके घर निकलना चाहें, तो उन्हें ये बात भी हज़म नहीं होती.
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अब हाल ही में एक कंपनी के सीईओ ने Quora पर लोगों से एक राय मांगी और लोगों ने उसकी अच्छे से कह के ले ली. इसमें ग़लती इन यूज़र्स की नहीं है, बल्कि सीईओ की है. क्योंकि उसने सवाल ही इतना वाहियात पूछा था. सवाल था, ‘मेरे दो कर्मचारी हैं जो ठीक 6 बजे ऑफ़िस से निकल जाते हैं. वो अच्छे हैं पर सिर्फ़ ऑफ़िस टाइमिंग तक ही काम करना चाहते हैं. बतौर सीईओ मुझे क्या करना चाहिये?’
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अब वक़्त है लोगों की प्रतिक्रियाएं जनाने का:
1. एक यूज़र ने कहा तुम कंपनी के सीईओ हो, इसीलिये कंपनी के प्रति तुम्हारी अधिक ज़िम्मेदारी है और उसका सारा मुनाफ़ा भी तुम्हारा है. पर एक कर्मचारी होने के नाते उसकी और भी ज़िम्मेदारियां है. फ़ैमिली है, दोस्त हैं और दूसरी नौकरी भी हो सकती है. इसके अलावा क्या उसके देर तक काम करने पर आप उसे अपनी कंपनी के शेयर्स दे देंगे. मान लो आप ऐसा कर भी दें, तो भी काम ख़त्म होने के बाद वो अपनी दूसरी ज़िम्मेदारियां निभायेगा ही.
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2. वहीं एक दूसरी महिला ने बताया, ‘मैं आपकी तरह एक शख़्स के अंडर काम करती थी. ऑफ़िस टाइमिंग सुबह 8.30 से 5.30 तक थी. इसके साथ ही लंच भी 12 से 1 फ़िक्स था. वो इंसान ये देखने के लिये काफ़ी उत्साहित रहता था कि कौन 5.25 पर घर जा रहा है, ताकि वो उसके काम में कमियां निकाल सके. क्योंकि वो चाहता था कि हम 5.30 बजे निकले.’
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3. एक शख़्स का कहना था, उसे लगता था कि वो 8 घंटे की जॉब के लिये नहीं बना है, फिर भी वो करता था क्योंकि उसे पैसों की ज़रुरत थी. यही नहीं, वो काम में इतना अच्छा था कि हर दिन समय से पहले अपना टारगेट अचीव कर लेता था. क्या एक सीईओ होने के नाते आप मुझे सिर्फ़ इसलिये प्रमोशन देंगे, क्योंकि मैं ऑफ़िस में ज़्यादा देर तक रुका? नहीं.
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4. वहीं एक कंपनी के ओनर ने सलाह देते हुए लिखा कि अगर तुम अपने कर्मचारियों से ज़्यादा कमिटमेंट की उम्मीद करते हो, तो बिल्कुल वैसा करो जैसा मैंने किया. मैंने उन्हें कंपनी के कर्मचारी से ज़्यादा कंपनी का ओनर महसूस कराया.
5. इसके बाद एक शख़्स ने कहा कि बतौर सीईओ आपको उन्हें मोटीवेट करना चाहिए कि वो ऑफ़िस टाइम में ही अपना काम ख़त्म करें और मस्ती करने के साथ-साथ अपनी हेल्थ का ध्यान रखें, जिससे दुनिया में आपको और आपकी कंपनी को एक अलग पहचान मिले.
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2.
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वैसे हम भी यही कहेंगे काम से मतलब होना चाहिए, न कि काम करने वाले लोगों के जल्दी निकलने से!