14 साल की चांदनी ग्रोवर, 9वीं क्लास में पढ़ती हैं और उन्हें डॉग्स काफ़ी पसंद हैं. एक दिन उनके साथ एक दर्दनाक हादसा हुआ. उनकी आंखों के सामने एक कार ने एक डॉग को बड़ी ही बेरहमी से रौंद डाला. इस घटना से उन्हें काफ़ी दुख हुआ. लेकिन दूसरों की तरह वो इस घटना को भूलकर अपनी ज़िंदगी में आगे नहीं बढ़ीं. वो अंदर ही अंदर Stray Dogs की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम उठाने का इरादा कर चुकी थीं.
इसका नतीजा एक शेल्टर होम के रूप में निकल कर सामने आया. Stray Dogs के लिए बने इस शेल्टर होम में करीब 48 Stray Dogs को घर मिल गया है. यहां इनके स्वास्थ्य से लेकर इनके खाने-पीने तक का पूरा ख़्याल रखा जाता है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/02/5c76724329c23226e4c42bdb_18f4dc7a-b277-469f-9b17-0341b3d678fa.jpg)
भोपाल नगर निगम से पहले बना डाला शेल्टर होम
भोपाल में बने इस शेल्टर होम को पहले नगर निगम बनाने जा रहा था. इसके लिए उसने एक प्रस्ताव भी पारित किया, लेकिन उनकी योजना कागज़ों से आगे न जा सकी. वहीं दूसरी तरफ एक छोटी सी बच्ची ने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के दम पर इसे महज 3 महीनों में ही तैयार कर दिया.
परिवार और दोस्तों ने दिया साथ
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/02/5c76724329c23226e4c42bdb_d8211f01-dea3-4e0c-9d75-5e89cfbcdc56.jpg)
इस शेल्टर होम में डॉग्स की देखभाल के लिए हर सप्ताह एक डॉक्टर भी आते हैं. इस नेक काम में चांदनी ग्रोवर की मदद की चिंत्राशु सेन, नसरत अहमद और उनके परिवार ने. इन सभी ने चंदा इकट्ठा कर भोपाल के बारखेड़ा इलाके में इस शेल्टर होम की शुरुआत की है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/02/5c76724329c23226e4c42bdb_cc03f78f-1e7b-40e1-be4b-3ebfe38f12d1.jpg)
चांदनी ने द बेटर इंडिया से बात करते हुए कहा- ‘लोग डॉग्स को किसी खिलौने की तरह इस्तेमाल करते हैं, जबकि वो हमारी ही तरह जीव हैं, कोई वस्तू नहीं. जब वो बीमार पड़ जाते हैं, तो उनका ख़्याल बहुत कम ही लोग रखते हैं. हमारे इस शेल्टर होम में हम सभी तरह के डॉग्स का स्वागत करते हैं और उन्हें अच्छा खाना और इलाज मुहैया कराते हैं.’
कुछ लोग भी इस काम में हमारी मदद कर रहे हैं. इस शेल्टर होम को मिली सफ़लता के बाद हम बहुत जल्द एक और नया शेल्टर होम खोलने की योजना बना रहे हैं
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/02/5c76724329c23226e4c42bdb_d04fe54a-bf05-4d33-a0d8-637d2e00ddd3.jpg)
आस-पास के लोग जो घर से बाहर जा रहे हैं, वो यहां पर अपने डॉग्स छोड़ने की परमिशन लेने आते हैं. डॉग्स से रिलेटेड इस समस्या पर भी चांदनी और उनकी टीम गौर कर रही है. वो बहुत जल्द ही इस शेल्टर होम को डॉग्स के लिए एक अस्थाई बोर्डिंग प्लेस के ऑप्शन के रूप में भी पेश करने वाली हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/02/5c76724329c23226e4c42bdb_6d2a3528-30e1-4d9b-8168-d534faf5c1a0.jpg)
चांदनी ने बताया कि जब वो 7 साल की थीं तभी से ही उन्हें डॉग्स के साथ खेलना बहुत पसंद था. उनकी फ़ैमिली ने डॉग्स के प्रति उनका लगाव देखते हुए चांदनी को एक डॉग लाकर दिया था. चांदनी का कहना है कि उनके परिवार की मदद के बिना ये कभी भी संभव नहीं हो पाता. वो अपना ज़्यादातर वक़्त इसी शेल्टर होम में डॉग्स की देख-भाल करने में बिताती हैं. इसमें उनका काफ़ी समय और ऊर्जा ख़र्च हो जाती है. पर वो कभी थकती नहीं हैं, बल्कि उन्हें इससे ख़ुशी मिलती है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/02/5c76724329c23226e4c42bdb_9681e59d-8eda-4279-bc39-914d5e4d8b7e.jpg)
बहुत जल्द चांदनी बोर्ड की परीक्षा देने वाली हैं. इस बारे में उन्होंने कहा कि, ‘लोग पढ़ाई करते हैं ताकि, समाज को कुछ दे सकें उसमें बदलाव ला सकें. मैं भी यही कर रही हूं, बस मैं चाहती हूं कि इसमें मेरी उम्र बाधा न बने.’